शिमला ।
िवधानसभा बजट सत्र के तीसरे िदन भी सत्तापक्ष अाैर िवपक्ष में गतिराेध जारी रहा। हालांकि सदन की कार्यवाही चलती रही, लेकिन िवपक्ष ने सस्पेंड एमएलए की बहाली के िलए सरकार पर दबाव बनाया जाे नाकाम साबित हुअा। सदन के भीतर सत्तापक्ष अाैर िवपक्ष का िसयासी बल्ला खूल चलता रहा, ताे बाहर नेताप्रतिपक्ष समेत सस्पेंड हुए पांच िवधायकाें का हल्ला बाेल भी जारी रहा। अापसी तकरार के बीच िवपक्ष ने सदन से वाकअाउट िकया बाद में िफर से सदन में वापस अाया। मंगलवार काे सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई विपक्ष की अाेर से सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 26 फ़रबरी के घटनाक्रम का ज़िक्र करते हुए विपक्ष के नेता सहित 5 सदस्यों की बहाली के मामला उठाया और कहा कि जब तक निलबंन वापस नहीं लिया जाता है जब तक सदन की कार्यवाही नहीं चलने दी जाएगी। सुक्खू ने अाराेप लगाया िक सरकार ने एक तरफ़ा कार्यवाही करते हुए विपक्ष के नेताओं के साथ मंत्रियों व विधानसभा अध्यक्ष ने धक्कामुकी की। इस बीच संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि 26 फ़रबरी को जो कुछ विपक्ष ने किया वह निंदनीय है। उस दिन उन्होंने विपक्ष को बातचीत का न्यौता दिया, लेकिन विपक्ष ने अनसुना कर राज्यपाल का घेराव कर दिया। प्रदेश की जनता ने मुद्दों को उठाने के लिए सदस्यों को सदन में भेजा है न कि हमले करने के लिए भेजा है। विपक्ष के नेता भी इसमें शामिल है। इसलिए विपक्ष को राज्यपाल के पास जाकर खेद व्यक्त कर माफ़ी मांगनी चाहिए, ताकि गतिरोध ख़त्म हो सके।
झूठ बाेले रहे हैं संसदीय कार्यमंत्री: अाशा
विपक्ष की तरफ़ से िवधायक आशा कुमारी ने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री झूठ बोल रहे हैं। कांग्रेस ने हिमाचल को बनाया है। उस वक़्त के जनसंघ के नेताओं ने कहा था “स्टेट हुड को मारो ठुड” का नारा दिया था। राज्यपाल का अभिभाषण पूरा नहीं किया गया। राज्यपाल चले गए, चाय के लिए विपक्ष ने नही बुलाया, नहीं बुलाया तो विपक्ष गेट पर बैठ गए। सुरेश भारद्वाज को मामा कहकर आशा कुमारी ने कहा कि आप तो वकील है अपने ये क्यों नही रोका। इसलिए उनके निलंबित सदस्यों को तुरंत बहाल किया जाए। इस बीच विधानसभा उपाध्यक्ष कुछ बोलने के लिए उठे ताे विपक्ष से विक्रमादित्य सिंह व अन्य सदस्य उनसे सदन उलझ गए।
As colour can’t lose its ability to give colour after being broken several times. Similarly, I also can’t unlearn the art of spreading love and smile, after being broken, several times by my life !
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