-नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर का सुक्खू सरकार पर हमला
द हिमाचल हेराल्ड, शिमला
प्रदेश सरकार के कर्ज़ पर सत्तापक्ष और विपक्ष में तकरार बढ़ते ही जा रहा है। राज्य सरकार के आंकड़े पर पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जमकर वार किया। शिमला में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल की तुलना श्रीलंका से करना दुर्भाग्यपूर्ण है, श्रीलंका में जिस प्रकार की परिस्थितियों है अगर उस प्रकार की परिस्थितियां हिमाचल में आती है तो उसके लिए कांग्रेस पार्टी जिम्मेदार है। जिस प्रकार से वह बार-बार ऋण का आंकड़ा जनता के बीच प्रस्तुत कर रहे हैं वह पूर्ण रूप से गलत है जब भाजपा की सरकार हिमाचल प्रदेश में थी तो यह ऋण तकरीबन 70 हजार करोड था और अभी यह ऋण 75 हजार करोड तक भी नहीं पहुंचा है और कांग्रेस के मुख्यमंत्री बार-बार 95 हजार करोड़ का राग गा रहे है।
अब तो मुख्यमंत्री को बने 2 महीने हो गए हैं , प्रदेश के फाइनेंस डिपार्टमेंट ने तो उनके सामने सच्ची रिपोर्ट रखी होगी। पर कांग्रेस के नेता एक स्वर पर नहीं है एक नेता कुछ कह रहा है, तो दूसरा कुछ कह रहा है और मुख्यमंत्री उन सब आंकड़ों को जोड़ जनता के बीच रख रहे हैं । कांग्रेस केवल एक माहौल खड़ा करने का प्रयास कर रहे हैं मैं बताना चाहूंगा कि कांग्रेस की सरकार हिमाचल प्रदेश में 10 बार सत्ता में रही और भाजपा की सरकार 5 बार सत्ता में रही है तो सबसे बड़ा अगर ऋण लेने में दोषी है तो वह कांग्रेस पार्टी है।
जब हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के तो हिमाचल प्रदेश में 50 हजार करोड़ का लोन हो गया था।
आज कर्मचारी साफ कह रहे हैं कि हिमाचल प्रदेश में परिस्थिति अच्छी नहीं है, भाजपा के समय में जब कोविड-19 महामारी थी तब भी कर्मचारियों की सैलरी समय पर दी गई थी एक भी दिन उसे लेट नहीं किया था। आज परिस्थिति विपरीत है, हमने तो बढ़-चढ़कर यूजीसी पे स्केल हिमाचल प्रदेश में दिया था जो कि पंजाब से भी पहले था अभी तक पंजाब में लागू भी नहीं हुआ है हमारे कॉलेज के प्रोफेसर इसका लाभ उठा रहे है।
कांग्रेस पार्टी तो 2012 की वेतन विसंगति का भी जवाब नहीं दे पा रही है, अब तो कांग्रेस पार्टी सत्ता में है इन वेतन विसंगतियों का जवाब दो आप ही को देना पड़ेगा।
अब तो यह सुनने में आ रहा है कि हिमाचल प्रदेश में 386 शिक्षण संस्थानों को भी बंद करने की चर्चा चल रही है उसको लेकर कैबिनेट को भी केस भेज दिया गया है।
अगर कांग्रेस पार्टी ने अपनी 10 गारंटियों को लागू करना है तो उसके लिए रिसोर्स मैनेजमेंट करें ना कि सरकारी संस्थानों को बंद करने का प्रयास करें अगर ओ पी एस लागू करना है तो उसकी फार्मूला जनता के बीच लाए।
कांग्रेस कि नेता 4 साल मांग रहे हैं कि हम प्रदेश की वित्तीय स्थिति सुधरेंगे पर अगर जिस प्रकार के वादे यह कर रहे हैं उसमें तो 40 साल तक हिमाचल की वित्तीय स्थिति सुधरेगी नहीं।
विधायक क्षेत्र विकास निधि जोकि जनता की मांग पर जनता को समर्पित किया जाता है, उसकी आखिरी किस्त 50 लाख भी अभी तक यह सरकार जारी नहीं कर पाई है। यह किस्त जनवरी में जारी होनी थी पर अब तो फरवरी आ गया और योजना विभाग से हमारी बात हुई है तो कांग्रेस की सरकार इस किश्त को जारी करने में सक्षम नहीं है, योजना विभाग ने इसकी फाइल मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी है पर अभी तक वह फाइल वापस नहीं आई है, हमने अपने समय में इस राशि को 1.80 करोड़ से 2 करोड़ कर दिया था और इसकी 3 किस्ते भी रिलीज कर दी थी। यह सरकार अटल वर्दी योजना को लेकर भी प्रश्नचिन्ह खड़े कर रही है और हिम केयर स्कीम जिससे लाखों लोगों को फायदा हो रहा है उसमें भी विघ्न खड़े करने का प्रयास कर रही है, उसके साथ कई क्लीनिक जोड़े गए थे उनको भी डिनोटिफाई कर दिया गया है।
आयुष्मान भारत स्कीम जोकि सीधा-सीधा केंद्र सरकार की स्कीम है उसको भी कांग्रेस सरकार द्वारा स्लो डाउन करने के लिए कह दिया गया है, अगर हम बात करें मंडी के शिवधाम फेस 3, मंडी एयरपोर्ट, राज्य यूनिवर्सिटी मंडी और हॉर्टिकल्चर के कई कार्यों को सरकार ने स्लोडाउन करने के लिए कह दिया है।हिमाचल में दो सीमेंट फैक्ट्रियों पर ताला लगा है इससे हिमाचल प्रदेश को डेढ़ सौ करोड़ से ज्यादा घाटा हो चुका है पर सरकार अभी तक कोई ऐसा फार्मूला नहीं बना पाई है जिससे ट्रक ऑपरेटर और फैक्ट्री के मालिक हो या मैनेजमेंट के बीच में कोई तालमेल बैठ सके।
यह सरकार सच में इंतजार की सरकार है कर्मचारियों ओ पी एस नोटिफिकेशन का इंतजार कर रहे हैं , महिला 15 सो रुपए का इंतजार कर रही है, युवा वर्ग 5 लाख नौकरियों का इंतजार कर रहा है, लोग 300 यूनिट बिजली फ्री का इंतजार कर रहे हैं। मुझे तो लगता है कि ऐसा ना हो कि जनता इनके जाने का इंतजार कर रही हो। लोक निर्माण विभाग में टेंडर के पेमेंट को रोक दिया गया है ठेकेदारों को कांग्रेस पार्टी ज्वाइन करने को कहा जा रहा है और उसके बाद ही उनकी बची हुई पेमेंट को रिलीज करने को कहा है ऐसा ही दूसरे विभागों में हो रहा है।
इसे हिमाचल प्रदेश में अस्थिरता का माहौल पैदा हो रहा।
कांग्रेस पार्टी तो अपने वादों से भी मुकर रही है आज मंत्री जगत सिंह नेगी ने तो यह कह डाला कि बागबान अपनी फसलों का रेट तय नहीं कर पाएंगे पर अगर वह अपना घोषणा पत्र पढ़े और 10 गारंटी का पत्र पड़े तो उसमें उनकी एक गारंटी यह भी है कि बागवान अपने फसलों का रेट खुद तय करेंगे, इस सरकार का मार्ग प्रशस्त किस तरफ है जनता देख रही है और बड़ी जल्दी जनता इस सरकार को मार्ग दिखाएगी।
As colour can’t lose its ability to give colour after being broken several times. Similarly, I also can’t unlearn the art of spreading love and smile, after being broken, several times by my life !
Boasting a rich and dynamic career of over 18 years in journalism. A “journalist” usually works for an organization such as a newspaper or radio or TV station. They are hired to cover news events and present the information in a timely (and hopefully accurate) manner. There are free lance journalists who sell stories to independent companies.
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