द हिमाचल हेराल्ड, शिमला
कोविड महामारी के कारण भारी व्यावधानों के बावजूद वित्त वर्ष 2020-21 में राज्य आबकारी एवं कराधान विभाग के कुल राजस्व संग्रह में पिछले वित्तीय वर्ष के मुकाबले तीन प्रतिशत की वृद्धि हुई है। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यह जानकारी देते हुए कहा कि पहली तिमाही में राजस्व संग्रह में 52 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। कोविड-19 महामारी के कारण लगे लाॅकडाउन के कारण शुरुआती महीनों के दौरान आई रुकावटों को कम किया गया जिसके फलस्वरूप राजस्व संग्रह दूसरी, तीसरी और चैथी तिमाही के दौरान क्रमशः 4 प्रतिशत, 23 प्रतिशत और 34 प्रतिशत बढ़ा। उन्होंने कहा कि राजस्व संग्रह ने मार्च 2021 के महीने में 44 प्रतिशत की महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की। मार्च 2021 के लिए कुल राजस्व संग्रह 1006 करोड़ रुपये रहा जो पिछले वित्त वर्ष में इस अवधि के दौरान 699 करोड़ रुपये दर्ज किया गया था।
जयराम ठाकुर ने कहा कि इस महीने के दौरान वैट और राज्य जीएसटी के तहत राजस्व प्राप्तियों में क्रमशः 182 प्रतिशत और 31 प्रतिशत की महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की गई। वैट संग्रह में वृद्धि मुख्य तौर पर विरासती मामलों के समाधान (एलसीआरएस) की सफलता के कारण हुई। इस योजना के अंतर्गत विभाग ने कर मामलों को निपटाकर 362 करोड़ रुपये वसूल किए जिनमंे से 182 करोड़ रुपये केवल मार्च, 2021 में संग्रहीत किए गए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व प्राप्तियों में समग्र वृद्धि के प्रमुख कारणों में आर्थिक गतिविधियों का पुनरुद्धार, सरकार की अनलाॅक रणनीति, करदाताओं द्वारा बेहतर अनुपालन और विभाग का बेहतर प्रशासन शामिल हैं। इसके अलावा, विभाग की नई पहल ने विशेष रूप से प्रदर्शन कार्ड के माध्यम से फील्ड इकाइयों की निगरानी से बहुत ही स्वस्थ प्रतिस्पर्धात्मक वातावरण तैयार किया जिसके परिणामस्वरूप अधिकारियों को निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने के लिए प्रेरणा मिली है। साथ ही, विभाग ने हाल ही में एक प्रदर्शन कार्ड का उपयोग करके अपने प्रदर्शन का मूल्यांकन करने के लिए भी एक पहल की है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि बढ़ी हुई विश्लेषणात्मक और डेटा संचालित ज्ञान-आधारित क्षमताओं के साथ कार्य इकाइयों के प्रयासों को और मजबूत किया गया है। इन पहलों से राज्य के राजस्व प्राप्तियों में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि विभाग ने राज्य के राजस्व संग्रह को बढ़ाने के लिए प्रमुख केंद्र क्षेत्रों की पहचान की है। विरासत मामलों के समाधान योजना के अंतर्गत वसूली, ई-वे बिल का भौतिक सत्यापन, जीएसटीआर3बी रिटर्न फाइलिंग का अनुपालन, देर से रिटर्न दाखिल करने पर ब्याज की वसूली, अनुचित आईटीसी की वसूली, कर घाटे की वसूली और कर चोरी से संबंधित मामलों की पहचान और गलत रिफंड इन्हें शामिल हैं।
As colour can’t lose its ability to give colour after being broken several times. Similarly, I also can’t unlearn the art of spreading love and smile, after being broken, several times by my life !
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