December 25, 2024

जंगी-थोपन परियोजना का सर्वेक्षण लिए मांगा सहयोग

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द हिमाचल हेराल्ड, रिकांगपिओ

डीसी किन्नौर  हेमराज बैरवा ने आज जंगी-थोपन जल विद्युत परियोजना से प्रभावित होने वाले 6 पंचायतों के लोगों से आग्रह किया कि वे भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय द्वारा एसजेवीएनएल को दी गई मंजूरी के तहत जंगी-थोपन जल विद्युत परियोजना के सर्वेक्षण कार्य में अपना सहयोग दें।
उपायुक्त आज जिला मुख्यालय रिकांग पिओ में जंगी-थोपन परियोजना से प्रभावित 6 पंचायतों जंगी, रारंग, कानम, अकप्पा, स्पीलो व मूरंग के जन-प्रतिनिधियों/प्रभावितों तथा एसजेवीएनएल प्रबंधन के अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस बैठक का मुख्य उद्देश्य प्रभावित पंचायतों के लागों को परियोजना के बारे में जानकारी देना तथा लोगों में परियोजना को लेकर उत्पन्न शंकाओं का निवारण करना था।
उन्होंने कहा कि परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट के लिए सर्वेक्षण आवश्यक है तथा सर्वेक्षण के आधार पर ही किसी भी परियोजना की रिपोर्ट तैयार की जा सकती है। उन्होंने कहा कि परियोजना प्रबंधन व प्रभावित पंचायतों के जन प्रतिनिधियों को आपसी समन्वय से सर्वेक्षण प्रक्रिया पूर्ण करनी चाहिए ताकि पर्यावरण मंत्रालय द्वारा दी गई तय सीमा के अंतर्गत सर्वेक्षण कार्य पूरा किया जा सके।
बैठक में अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी पूह की अध्यक्षता में एक समन्वय समिति गठित करने का भी निर्णय लिया गया जिसमें प्रभावित पंचायतों के जन प्रतिनिधि जिनमें प्रभावित पंचायतों से संबंधित जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति सदस्य, ग्राम पंचायत प्रधान व उप प्रधान शामिल होगें। इसके इलावा प्रभावित पंचायत से 2-2 सदस्य भी मनोनित किए जाएंगें। समिति में एसजेवीएनएल प्रबंधन के अधिकारियों के अतिरिक्त विभिन्न सरकारी विभागों के अधिकारी भी शामिल होगें जो बैठक कर सर्वेक्षण कार्य की रणनीति तैयार करेंगें तथा लोगों की शंकाओं के निवारण के लिए भी कार्य करेंगें।
उन्होंने प्रभावित पंचायतों के प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया कि सर्वेक्षण रिपोर्ट आने के उपरान्त यदि यहां इस परियोजना को लगाने की संभावना बनती है तो उसके लिए प्रभावित ग्राम पंचायतों से मंजूरी ली जाएगी। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों की मंजूरी के बिना कोई भी परियोजना नहीं लग सकती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन प्रभावितों की चिंताओं से पूरी तरह से अवगत है तथा उनके हितों के संरक्षण के प्रति वचनबद्ध है।
एसजेवीएनएल प्रबंधन द्वारा इस अवसर पर जंगी-थोपन जल विद्युत परियोजना पर एक प्रस्तुति दी गई जिसमें बताया गया कि यदि सर्वेक्षण में इस परियोजना को लगाने की संभावना बनती है तो इस परियोजना पर अनुमानित 5708 करोड़ रुपये व्यय होगें। उन्होंने कहा कि परियोजना के लिए अनुमानित 281.16 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता पड़ेगी जिसमें से 247.12 हेक्टेयर भूमि वन भूमि होगी जबकि 24.81 हेक्टेयर निजी भूमि तथा 9.23 हेक्टेयर बीआरओ व लोक निर्माण विभाग से उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि परियोजना के तहत जंगी गांव के नजदीक बांध प्रस्तावित है जबकि भूमिगत पाॅवर हाऊस का निर्माण काशंग नाला में किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि परियोजना से कानम, जंगी, रारंग, मूरंग, स्पीलो व अकप्पा पंचायतें प्रभावित होंगी। उन्होंने बताया कि परियोजना के तहत बनने वाली सूरंग आधुनिक तकनीक टीवीएम से बनाई जाएगी। उन्होंने बताया कि यदि सर्वेक्षण रिपोर्ट परियोजना बनाने के लिए सहमति देती हंै तो स्थानीय ग्राम पंचायत की अनुमति के उपरान्त ही परियोजना बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि परियोजना निर्माण के समय प्रभावितों के हितों का पूरी तरह से सरंक्षण सुनिश्चित किया जाएगा।
बैठक में पुलिस अधीक्षक एस आर राणा, अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी पूह अश्वनी कुमार, एसजेवीएनएल प्रबंधन के एसजेवीएन प्रबंधन के अतिरिक्त महा प्रबंधक अनिल कुमार श्रीवास्तव, वरिष्ठ प्रबंधक अक्षय आचार्य, विकास महाजन व अल्का जैसवाल सहित अन्य अधिकारी व ग्राम पंचायत कानम, रारंग, स्पीलो, जंगी, अकप्पा व मूरंग के पंचायत प्रतिनिधियों जिनमें प्रधान, उपप्रधान के इलावा प्रभावित लोग व स्थानीय संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल थे।