-निजी क्षेत्र में भी 20 लैबों व अस्पतालों में किए जा रहे कोरोना परीक्षण
द हिमाचल हेराल्ड, शिमला
कोरोना टेस्ट कोरोना महामारी को नियंत्रित करने की रणनीति का एक अभिन्न अंग है। कोरोना महामारी की जांच के लिए विभिन्न प्रकार के टेस्ट या परीक्षण किए जा रहे है, जिसमें आरटी-पीसीआर, रैपिड एंटीजन टेस्ट, ट्रूनाट, सीबीनाट व एंटीबाॅडी टेस्ट आदि शामिल है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक डाॅ. निपुण जिंदल ने कहा कि राज्य सरकार कोरोना परीक्षण सुविधा बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है और राज्य सरकार द्वारा सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में 8 आरटी-पीसीआर व 25 ट्रूनाट लैब स्थापति की गई हैं। इसके अतिरिक्त राज्य के सभी बड़े स्वास्थ्य संस्थानों में रैपिड एंटीजन टेस्ट किए जा रहे है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने निजी क्षेत्र में भी ट्रूनाट टेस्ट सुविधा उपलब्ध करवाने की अनुमति प्रदान की है। राज्य सरकार द्वारा दो अस्पतालों को प्रदान की गई अनुमति में एक कांगड़ा और एक सिरमौर का अस्पताल शामिल है। निजी क्षेत्र के लिए सरकार द्वारा दिसंबर 2020 में टेस्ट शुल्क दरें सभी प्रकार के करों सहित प्रति टेस्ट 2 हजार रुपये निर्धारित की गई हैं और रैपिड एंटीजन टेस्ट के लिए शुल्क प्रति टेस्ट 300 रुपये निधारित किया गया हंै। ऐसी सभी प्रयोगशालाओं व अस्पतालों को निर्धारित शर्तो के अनुसार संबंधित मुख्य चिकित्सा अधिकारी से लाॅग-इन-आईडी लेने की आवश्यकता होती है।
उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र में अब तक 20 प्रयोगशालाओं व अस्पतालों में इस टेस्ट सुविधा को शुरू किया जा चुका है और ट्रूनाट व रैपिड एंटीजन टेस्ट के माध्यम से 1309 व 23668 टेस्ट किए जा चुके हैं। उन्होंने निजी लैब संचालकों व अस्पतालों से राज्य सरकार द्वारा निर्धारित शर्तों व नियमों के अनुसार रैपिड एंटीजन टेस्ट शुरू करने का भी आग्रह किया है।
कोरोना महामारी की इस दूसरी लहर के दौरान कोरोना टेस्ट या परीक्षण के बारे में आइसीएमआर की ओर से दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि प्रयोगशाला कर्मियों के कोरोना संक्रमित हो जाने के कारण प्रयोगशालाओं को निर्धारित परीक्षण लक्ष्य को पूरा करने के लिए कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, इसलिए आरटी-पीसीआर परीक्षण करने की सलाह दी गई है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक ने कहा कि प्रदेश में अब तक लगभग 16 लाख कोरोना टेस्ट किए गए हैं। सैंपलों की भारी बढ़ौतरी के कारण प्रयोगशालाओं को भी अपेक्षित टेस्ट लक्ष्यों को पूरा करने के लिए चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि जो सैंपल रैपिड एंटीजन टेस्ट में पाॅजीटिव पाए गए है उन्हें आरटी-पीसीआर के माध्यम से दोबारा नहीं करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त, जो व्यक्ति कोरोना महामारी से ठीक हो गए हैं उनके प्रोटोकाॅल के अनुसार दोबारा टेस्ट करने की आवश्यकता नहीं है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार रेपिड एंटीजन टेस्टिंग की सुविधा और उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए निरन्तर प्रयासरत है। सरकार ने टेस्टिंग सुनिश्चित करने के लिए शहरी क्षेत्रों में वाॅक इन कियोस्क स्थापित करने के लिए पहले ही दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। अब स्वास्थ्य विभाग की ओर से शहरों, कस्बों, गांवों, महाविद्यालयों, विद्यालयों, सामुदायिक केन्द्रों और खाली स्थानों में समर्पित रैपिड एंटीजन टेस्ट बूथ स्थापित किए जा रहे हैं, जिस संबंध में निर्देश जारी कर दिए गए हैं। प्रदेश मंे जीवन धारा मोबाइल हेल्थ एण्ड वेलनेस केन्द्रों के माध्यम से भी रैपिड एंटीजन टेस्ट की सुविधा शुरू की जाएगी।
उन्होंने कहा कि कि जिला प्रशासन को सार्वजनिक और निजी प्रयोगशालाओं में आरटी-पीसीआर टेस्टिंग सुविधा का समुचित उपयोग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। रैपिड एंटीजन टेस्ट में पाॅजीटिव आने वाले मरीजों को तुरन्त कोविड पाॅजीटिव मरीज के रूप में होम आइसोलेट किया जाएगा और परीक्षण टेस्ट नेगेटिव आने वाले लोगों को आरटी-पीसीआर सुविधा से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसे व्यक्तियों से आरटी-पीसीआर टेस्ट किए जाने तथा रिपोर्ट मिलने तक होम आइसोलेशन व उपचार करने का आग्रह किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों में कफ और कफ रहित बुखार, सिर दर्द, गला खराब होना, शरीर में दर्द, सांस लेने में दिक्कत होना, स्वाद और सुगन्ध की शक्ति क्षीण होना, थकावट और डायरिया जैसे लक्षण पाए जाते है उन्हें भी कोरोना संदिग्ध माना जाएगा।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक डाॅ. निपुण जिंदल ने अपनी टीम के सदस्यों के साथ आइजीएमसी शिमला में स्थित आरटी-पीसीआर प्रयोगशाला का दौरा कर कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट में हो रही देरी के संबंध में जानकारी हासिल की। प्रयोगशाला की वर्तमान क्षमता को बढ़ाने, लैब के सुचारू संचालन के लिए पर्याप्त स्थान उपलब्ध करवाने का भी निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि आइजीएमसी शिमला को एक और आरटी-पीसीआर मशीन और आॅटोमेटिड आरएनए एक्स्ट्रेक्टर तथा डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय टांडा को एक आॅटोमेटिड आरएनए एक्स्ट्रेक्टर प्रदान किए जाएंगे। उन्होंने प्रयोगशाला प्रभारियों को भी निर्देश दिए कि टेस्ट रिपोर्ट तैयार होने के तुरन्त बाद संबंधित व्यक्ति को उसकी टेस्ट रिपोर्ट से संबंधित मैसेज भेजा जाए ताकि यदि कोई भी व्यक्ति पाॅजीटिव पाया जाता है तो वह समय पर आइसोलेट हो सके और संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।
As colour can’t lose its ability to give colour after being broken several times. Similarly, I also can’t unlearn the art of spreading love and smile, after being broken, several times by my life !
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