द हिमाचल हेराल्ड, शिमला
देश में निर्मित स्वदेशी एंटीहेलगन को प्रदेश में ट्रायल आधार पर स्थापित करने व सेब की फसल के विपणन के लिए बागवानों को समय पर कार्टन उपलबध करवाने को लेकर बागवानी एवं जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में आज यहां समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में बागवानी एवं जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने अधिकारियों को बागवानों की सुविधा के लिए समय पर आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए ताकि बागवानों को कार्टन व सेब ढुलाई के लिए ट्रकों की कमी सहित किसी अन्य समस्या का सामना न करना पड़े। बागवानी एवं जल शक्ति मंत्री ने कहा कि आईआईटी मुम्बई व डाॅ. वाई. एस. परमार बागवानी विश्वविद्यालय नौणी के संयुक्त प्रयासों से स्वदेशी एंटीहेल गन विकसित की गई हैं। उन्होंने कहा कि बागवानों के हित के मध्यनजर इस स्वदेशी एंटीहेल गन को ट्रायल आधार पर प्रदेश में 8 से 10 स्थानों पर स्थापित करने के लिए प्रोजेक्ट तैयार किया जाए ताकि इस स्वदेशी एंटीहेलगन का अध्ययन किया जा सके और बागवानों को कम कीमत वाली स्वदेशी एंटीहेलगन तकनीक उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में जिस विदेशी एंटीहेलगन का प्रयोग किया जा रहा है उसकी कीमत लगभग 2 से 3 करोड़ रुपये हैं। उन्होंनेे कहा कि स्वदेशी तकनीक की एंटीहेलगन के माध्यम से ही एंटीहेलगन की कीमतों को कम किया जा सकता हैं। उन्होेंने कहा कि सेब की पेटियों की दरें एचपीएमसी के सहयोग से निर्धारित की जाए और सेब की पेटियों को बनाने वाले निर्माताओं को सूचीबद्ध किया जाए ताकि बागवानों को उचित दरों पर सेब की पेटियां समय पर उपलब्ध हो सकें। उन्होंने कहा कि गत्ते की पेटियों के स्थान पर प्लास्टिक कार्टन का उपयोग सेब के विपणन हेतू प्रयोग के तौर पर करने की भी सम्भावना तलाशी जाए।
महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि विश्व बैंक पोषित बागवानी परियोजना के अन्तर्गत बनाए जा रहे मार्केटिंग यार्डो एवं शीत गृह निर्माण आदि के कार्यो में तजी लाई जाए ताकि सेब उत्पादक बागवानों को सुविधा मिल सके। उन्होंने कहा कि जो सेब मंडी मध्यस्थता योजना के अन्तर्गत एचपीएमसी और हिमफेड द्वारा प्रापण किए जाते हैं, उनकी बोरियों पर फल प्रापण केंद्र का नाम व संख्या दर्ज की जाए ताकि प्रापण किए गए फलों की गुणवता की जांच हर स्तर पर सुनिश्चित की जा सके।
As colour can’t lose its ability to give colour after being broken several times. Similarly, I also can’t unlearn the art of spreading love and smile, after being broken, several times by my life !
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