– राजभवन में बोले गवर्नर-
द हिमाचल हेराल्ड, शिमला
राजभवन में आज नशीली दवाआंे के दुरूपयोग और अवैध तस्करी के विरुद्ध अन्तरराष्ट्रीय दिवस मनाया गया जिसका आयोजन हिमाचल प्रदेश पुलिस विभाग ने किया। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने भी इस समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल पुलिस की अपनी एक अलग पहचान है। प्रदेश पुलिस को अनुशासन, कत्र्तव्य के लिए प्रतिबद्धता और ईमानदारी के लिए जाना जाता है। इस पहचान को बनाए रखने के लिए उन्होंने मानसिक सन्तुलन और सकारात्मक गतिविधियां आयोजित करने का सुझाव दिया। उन्होंने विभाग के शीर्ष अधिकारियों को पुलिस कल्याणकारी गतिविधियों पर और अधिक कार्य करने को कहा। उन्होंने कहा कि नशा न केवल व्यक्ति या परिवार बल्कि पूरे समाज को प्रभावित करता है इसलिए इस सामाजिक बुराई को समाप्त करने के लिए पुलिस प्रशासन को अधिक प्रतिबद्धता और कड़ाई से कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि पुलिस प्रशासन इस सामाजिक बुराई के खिलाफ हर सम्भव कदम उठा रहा है। उन्होंने लोगों से पुलिस प्रशासन द्वारा नशीली दवाओं के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में सहयोग देने का आग्रह किया।
राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को देवभूमि के नाम से जाना जाता है और यहां की संस्कृति व जीवनशैली बहुत समृद्ध है लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि यहां भी नशीली दवाओं के दुरूपयोग की समस्या गम्भीर रूप से पैदा हो गई है और अगर इसे समय पर काबू नहीं पाया गया तो आने वाले दिनों में स्थिति और अधिक गम्भीर हो सकती है। श्री दत्तात्रेय ने राज्य सरकार द्वारा नशे की अवैध तस्करी को रोकने के लिए ड्रग-फ्री हिमाचल ऐप का शुभारम्भ करने के सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि तकनीक के माध्यम से हम समाज को परिवर्तित कर सकते हैं। उन्होंने गैर-सरकारी संगठनों से नशा विरोधी जागरूकता अभियान में सम्मिलित होने का आग्रह किया। उन्होंने नशीले पदार्थों से जुड़े हुए मामलों से निपटने के लिए डिजिटल सपोर्ट विकसित करने और तस्करी तथा अपराध के सम्बन्ध में जागरूकता फैलाने के लिए सोशल मीडिया टूल का उपयोग की आवश्यकता पर बल दिया। राज्यपाल ने कहा कि नशीली दवाआंे के दुरूप्योग और अवैध तस्करी के खिलाफ अन्तरराष्ट्रीय दिवस समुदाय को नशे से मुक्त करने की ओर हमारा एक साझा प्रयास है। आज हम कोरोना महामारी और नशे की अवैध तस्करी के खिलाफ दो मोर्चों पर लड़ रहे हैं, लेकिन हमारा पुलिस बल दोनों ही मोर्चों पर उत्कृष्ट कार्य कर रहा है।
उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्था के राष्ट्रीय औषधि निर्भरता उपचार केन्द्र के माध्यम से नशीले पदार्थाें के अत्याधिक उपयोग और प्रतिमान पर एक राष्ट्रीय सर्वेक्षण किया जिसमें पाया गया कि 10 से 75 वर्ष की आयु के लगभग 14.6 प्रतिशत जिसके अन्तर्गत लगभग 16 करोड़ लोग आते हैं, शराब का सेवन कर रहे हैं। लगभग 5.2 प्रतिशत यानी 5.7 करोड़ से अधिक लोग शराब की निर्भरता से प्रभावित हैं जिसका अर्थ है कि भारत में हर तीसरे शराब उपयोगकर्ता को शराब से होने वाली समस्याओं से निपटने के लिए सहायता की आवश्यकता है। इससे हम समझ सकते हैं कि स्थिति कितनी गम्भीर है। उन्होंने नशीली दवाओं के दुष्प्रभावों से निपटने में पुलिस अधिकारियों के प्रयासों और कड़ी मेहनत की सराहना की। इससे पूर्व, पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने कहा कि मादक द्रव्यों के सेवन और नशीले पदार्थों की तस्करी के मामले तेजी से बढ़ रहे है और समाज को इसके दुष्प्रभावों से बचाने के लिए अवैध तस्करी रोकने की आवश्यकता है। इस समस्या से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए बहुआयामी रणनीति तैयार करने की आवश्यकता है।
पुलिस महानिदेशक ने कहा कि हम छोटे तस्करों को छोड़कर बड़े तस्करों को पकड़ रहे हैं ताकि इस सामाजिक बुराई को जड़ से समाप्त किया जा सके। उन्होंने प्रदेश में पुलिस विभाग द्वारा चलाए जा रहे नशामुक्त अभियान और नशा निवारण पर किए जा रहे कार्यों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आज अन्तरराज्यीय समन्वय पहले से अधिक बेहतर है, जिससे नशे के तस्करों से संबंधित जानकारी प्राप्त हो रही है। उन्होंने कहा कि नशे सम्बन्धित आतंकवाद को समाप्त करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि एनडीपीएस एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत 2126 मामले दर्ज किए गए हैं और 1 जनवरी 2020 से 30 अप्रैल 2021 के दौरान 2909 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। हिमाचल प्रदेश पुलिस ने इसी दौरान 682.72 किलोग्राम चरस, 15.88 किलोग्राम हेरोइन, 50.33 किलोग्राम अफीम, 4805.91 किलोग्राम अफीम की भूसी, 376.91 किलोग्राम गांजा, 128330 सिंथेटिक टैबलेट और अन्य प्रतिबंधित 52194 कैप्सूल जब्त किए हैं। प्रतिबंधित पदार्थों की आपूर्ति कम करने के लिए एकीकृत खुफिया अभियान के अंतर्गत 7917 बीघा भूमि पर 12,52,455 भांग के पौधों की अवैध खेती और 52 बीघे में 2,66,353 पोस्त के पौधों को बड़े पैमाने पर नष्ट किया गया है। उन्होंने कहा कि हाल ही में कोरोना लाॅकडाउन के दौरान मण्डी जिला की चैहार घाटी की उप-तहसील टिक्केन पधर के दुर्गम इलाके में 66 बीघे जमीन पर 15 लाख पोस्त के पौधों की अवैध खेती का पता लगाने में पुलिस ने सफलता हासिल की। उन्होंने बताया कि राज्य पुलिस ने जनवरी 2020 से अप्रैल 2021 तक 19 मामलों में 11.37 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क करने में सफलता हासिल की है।
As colour can’t lose its ability to give colour after being broken several times. Similarly, I also can’t unlearn the art of spreading love and smile, after being broken, several times by my life !
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