December 27, 2024

नहीं रहे वीरभद्र सिंह, एक राजनितिक युग का हुआ अंत

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-हिमाचल के विकास में वीरभद्र सिंह का अभूतपूर्व योगदानः मुख्यमंत्री
द हिमाचल हेराल्ड, शिमला
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया। जय राम ठाकुर ने पूर्व मुख्यमंत्री के निजी आवास होली लाॅज पहुंचकर वीरभद्र सिंह के पार्थिव शरीर पर पुष्पाजंलि अर्पित की। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी प्रतिभा सिंह और उनके बेटे विक्रमादित्य सिंह के साथ अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त कीं।  जय राम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के विकास में वीरभद्र सिंह का अनुकरणीय योगदान है। वीरभद्र सिंह ने अपना पूरा जीवन समाज के हर वर्ग विशेषकर कमजोर और शोषित वर्गों के उत्थान के प्रति समर्पित किया। उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह ने केन्द्रीय मंत्री रहते हुए देश के साथ-साथ राज्य के विकास में भी अहम भूमिका निभाई। उनकी मजबूत इच्छाशक्ति, प्रतिबद्धता और दृढ़ संकल्प हम सभी के लिए सदैव प्रेरणा का स्रोत रहेगा। उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह के निधन से उत्पन्न शून्य को आने वाले समय में भरना मुश्किल होगा। मुख्यमंत्री ने परमात्मा से दिवंगत आत्मा की शान्ति और शोक संतप्त परिजनों को इस अपूर्णीय क्षति को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की। शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कश्यप, वरिष्ठ भाजपा और कांग्रेस नेताओं ने भी होली लाॅज पहुंचकर वीरभद्र सिंह के पार्थिव शरीर पर पुष्पाजंलि अर्पित की। हिमाचल प्रदेश मंत्रीमंडल के सभी सदस्यांे ने भी पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया।
वीरभद्र सिंह का जन्म 23 जून, 1934 को बुशहर रियासत के राजा पदम सिंह के घर में हुआ। लोकसभा के लिए वह पहली बार 1962 में चुने गए।  उसके बाद 1967, 1971, 1980 और 2009 में भी चुने गए। वीरभद्र वर्ष 1983 से 1985 पहली बार, फिर 1985 से 1990 तक दूसरी बार, 1993 से 1998 में तीसरी बार, 1998 में कुछ दिन चौथी बार, फिर 2003 से 2007 पांचवीं बार और 2012 से 2017 तक छठी बार मुख्यमंत्री बने।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने कहा देवभूमि हिमाचल के 6 बार मुख्यमंत्री रहे हिमाचल के वरिष्ठ नेता आदरणीय वीरभद्र सिंह जी के निधन का समाचार हम सबके के लिए बेहद दुःख देने वाला है। हिमाचल के लिए यह एक अपूर्णीय क्षति है,जिसकी भरपाई कभी नहीं होगी। हिमाचल के विकास में उनका योगदान अनुकरणीय है,जिसे कभी भुलाया नहीं जाएगा।