द हिमाचल हेराल्ड, शिमला
हिमाचल विधानसभा सत्र के दौरान आज मुख्य सचिव अनिल खाची को हटाने के मुद्दे पर विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने भारी हंगामा किया और हटाने के विरोध में सदन से कुछ देर के वाकआउट कर बाहर चले गए। प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने पॉइंट ऑफ ऑर्डर के तहत यह मामला उठाया कि सरकार ने मुख्य सचिव को हटाने की मंजूरी दी है और सरकार स्पष्ट करे कि ऐसी क्या परिस्थितियां खड़ी हो गईं कि मुख्य सचिव को समय से पहले हटाया जा रहा है। इस पर सत्तापक्ष ने कड़ा एतराज जताया और कहा कि प्रशासनिक फेरबदल का निर्णय सरकार के क्षेत्राधिकार में आता है और ये सदन तय नहीं करेगा। उल्लेखनीय है कि 1986 बेच के आईएएस अधिकारी अनिल खाची को राज्य चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया है। प्रदेश सरकार ने इस संबंध में गुरुवार को अधिसूचना जारी कर दी है। चुनाव आयुक्त के पद पर उनका कार्यकाल पांच साल तक रहेगा। अनिल खाची 1986 बैच के आईएएस अधिकारी हैं तथा इससे पहले वह 31 दिसम्बर 2019 को हिमाचल के मुख्य सचिव बनाए गए थे। अनिल खाची पूर्व चुनाव आयुक्त पी.मित्रा की जगह लेंगे। पी.मित्रा 31 मई को इस पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। पांच साल पहले कांग्रेस शासनकाल में उनको राज्य चुनाव आयुक्त लगाया गया था। इस मसले पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री के बीच तीखी नोकझोंक हुई और विपक्ष ने नारेबाजी करते हुए सदन से वाकआउट कर दिया। बाद में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि ये सदन तय नहीं करेगा कि किस अधिकारी को कहां नियुक्त करना है। उन्होंने कहा कि एक संवैधानिक व्यवस्था के अनुरूप खाली चल रहे एक पद पर वर्तमान मुख्य सचिव को नियुक्ति किया गया है। इस पद पर काम करने का दायित्व संवैधानिक रूप से महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान मुख्य सचिव का अभी पौने दो साल का कार्यकाल शेष था और उन्हें अब एक सम्मानजक पद पर नियुक्ति दी गई है। उन्होंने कांग्रेस विधायकों को उनके शासनकाल की याद दिलाई कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में तो मुख्य सचिव की नियुक्ति के लिए वरिष्ठता को भी नजरअंदाज कर अधिकारियों को अपमानित किया था, लेकिन हमारी सरकार ने ऐसा नहीं किया। उन्होंने कांग्रेस विधायकों को नसीहत दी कि वे ऐसे मसलों पर राजनीति न करें और अधिकारी को अधिकारी ही रहने दें। इससे पहले भाजपा विधायक राजीव बिंदल ने कहा कि वो इस सदन में सालों से हैं तथा किस अधिकारी को कहां लगाना है, ये सरकार निर्धारित करती हैं। इसे मुद्दा बनाकर सरकार की कार्यप्रणाली को प्रभावित नहीं किया जाना चाहिए। बिंदल ने कहा कि ऐसे विषय को इस तरह उठाने से बचना चाहिए।
As colour can’t lose its ability to give colour after being broken several times. Similarly, I also can’t unlearn the art of spreading love and smile, after being broken, several times by my life !
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