एजेंसी। पूरी दुनिया के लिए संकट का सबब बनी कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ पहला स्वदेशी टीका विकसित करने वाली भारत बायोटेक के लिए अच्छी खबर है। इसके ‘कोवाक्सिन’ टीके को लंबे इंतजार के बाद डब्ल्यूएचओ (विश्व स्वास्थ्य संगठन) से आपात उपयोग की अनुमति बुधवार को मिल गई। इस रिपोर्ट में जानिए कि यह टीका कोरोना के खिलाफ कितना प्रभावी है।
इस तरह हुए परीक्षण के तीनों चरण
कोवाक्सिन टीके के पहले चरण के परीक्षण में 375, दूसरे चरण में 380 और तीसरे चरण में 375 मरीजों पर अध्ययन किया गया था। भारत बायोटेक के अनुसार टीके के तीनों ट्रायल सफल रहे थे और हर चरण में हमें ऐसा डाटा मिला जो अगले चरण के परीक्षण के लिए आवश्यक था। कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ इस टीके को 65.2 फीसदी प्रभावी पाया गया है।
कोवाक्सिन की उपयोग अवधि भी बढ़ी
डब्ल्यूएचओ से अनुमति मिलने से कुछ घंटे पहले ही भारत बायोटेक ने बताया था कि केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने कोवाक्सिन की उपयोग अवधि को निर्माण की तारीख से 12 महीने तक बढ़ाने की मंजूरी दे दी है। कंपनी के अनुसार सीडीएससीओ ने अवधि विस्तार की अनुमति अतिरिक्त स्थिरता आंकड़ों की उपलब्धता के आधार पर दी है।
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