द हिमाचल हेराल्ड, शिमला
स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी ने कहा कि आयुष्मान भारत-प्रधानमन्त्री जन आरोग्य योजना के अन्तर्गत गोल्डन कार्ड जारी करने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। जिसके अन्तर्गत कैम्प लगाए जा रहे हैं और साथ ही पात्र परिवारों के घर-घर जाकर भी गोल्डन कार्ड बनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 19 नवम्बर 2020 से शुरू किए गए इस विशेष अभियान के अन्तर्गत 29660 परिवारों (67520 व्यक्तियों) को गोल्डन कार्ड जारी किए जा चुके हैं। प्रदेश में 74.2 प्रतिशत परिवारों को गोल्डन कार्ड जारी किए जा चुके हैं जबकि भारत मंे यह आंकड़ा 49.6 प्रतिशत् है। स्वास्थ्य विभाग ने 31 मार्च 2021 तक बचे हुए परिवारों को गोल्डन कार्ड जारी करने का लक्ष्य रखा है।
स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि भारत सरकार द्वारा आयुष्मान भारत-प्रधानमन्त्री जन आरोग्य योजना का शुभारम्भ 23 सितम्बर, 2018 को किया गया था। हिमाचल प्रदेश में भी इस महत्वकांक्षी योजना का क्रियान्वयन 23 सितम्बर, 2018 से ही किया जा रहा है। योजना के अन्तर्गत अस्पताल में भर्ती होने पर पांच लाख रुपये तक के निःशुल्क उपचार की सुविधा का प्रावधान है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में 200 अस्पताल योजना के अन्तर्गत पंजीकृत हैं, जिनमें 64 निजी अस्पताल भी हैं। लाभार्थी पूरे भारत में अन्य राज्यों या केन्द्र शासित प्रदेशों द्वारा पंजीकृृृत अस्पतालों मंे कही पर भी निःशुल्क चिकित्सा का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना के लिए सामाजिक, आर्थिक जाति जनगणना, 2011 और राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (2014-15) के आधार पर परिवारों का चयन किया गया है और निःशुल्क उपचार के लिए लगभग 1579 प्रक्रियाएं शामिल की गई हैं, जिसमें डे-केयर सर्जरीज भी शामिल हैं। योजना के अन्तर्गत पात्र परिवारोेें का चयन भारत सरकार द्वारा किया गया है और प्रदेश में लगभग 4,78,985 परिवार पात्र हैं, जिनमें सें 3,56,372 परिवारों ने गोल्डन कार्ड बनाए जा चुके हैं। उन्होने बताया कि इस योजना के अन्तर्गत राज्य में 81,898 लाभार्थियों ने 87.26 करोड़ रूपये की निःशुल्क चिकित्सा का लाभ प्राप्त किया है।
स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि आयुष्मान भारत-प्रधानमन्त्री जन आरोग्य योजना के अन्तर्गत गोल्डन कार्ड जारी करना निरन्तर प्रक्रिया है और पात्र परिवार नजदीकी लोकमित्र केन्द्र में आधार कार्ड और राशन कार्ड ले जाकर गोल्डन कार्ड बनवा सकते हैं।
स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि कोविड महामारी के कारण गोल्डन कार्ड जारी करने का कार्य प्रभावित हुआ है और पात्र परिवारों को गोल्डन कार्ड जारी नहीं किए जा सके, क्योंकि गोल्डन कार्ड बनवाने के लिए लाभार्थी का लोकमित्र केन्द्र या नजदीकी अस्पताल मंे जाना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि योजना के अन्तर्गत पात्र लाभार्थी ने यदि गोल्डन कार्ड नहीं बनवाया है तो उसे उपचार के समय अस्पताल में तुरन्त गोल्डन कार्ड जारी कर दिया जाता है, ताकि निःशुल्क उपचार का लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि लाभार्थी अपनी पात्रता जानने के लिए टोल फ्री नम्बर 14555 पर सम्पर्क कर सकते हैं या भारत सरकार की वैबसाइट mera.pmjay.gov.in पर भी लाॅग इन कर सकते हैं।
As colour can’t lose its ability to give colour after being broken several times. Similarly, I also can’t unlearn the art of spreading love and smile, after being broken, several times by my life !
Boasting a rich and dynamic career of over 18 years in journalism. A “journalist” usually works for an organization such as a newspaper or radio or TV station. They are hired to cover news events and present the information in a timely (and hopefully accurate) manner. There are free lance journalists who sell stories to independent companies.
“As a Journalist I mainly concerned with getting the facts straight”
RP Negi
Editor in Chief
Contact: 9816020056
Email: [email protected]