शिमला। भाजपा प्रदेश सह मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा ने ज्योतिबा फुले जयंती के अवसर पर कहा की आज भारतीय समाज के लिए ” गौरव का दिवस ” है । आज ही के दिन महान समाज सुधारक , क्रांतिकारी , अच्छे लेखक , विचारक , एवं उच्च कोटि के दार्शनिक ज्योतिबा फुले का जन्म हुआ था , 19 वीं सदी में ही आधी आबादी महिला की शिक्षा एवं उनके सशक्तिकरण और दलितों , पिछड़े एवं वंचितों को समाज की मुख्यधारा में जोड़ने के लिए क्रांतिकारी अभियान चलाए थे । वे जीवनपर्यंत महिलाओं की शिक्षा व सशक्तिकरण की प्रतिबद्धता और समाज सुधार के प्रति उनकी निष्ठा आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी ।
नंदा ने कहा की महापुरुष ज्योतिबा फूले को शत शत नमन करते हैं , उनकी जयंती पर श्रद्धांजली अर्पित करते हैं ।
वो ज्योतिबा फुले ही थे जिन्होंने सोचा कि भारत को आगे ले जाने के लिए महिलाओं और दलितों को समाज के मुख्यधारा में लाना होगा , उन्हें आगे बढ़ाना होगा , तो शिक्षा के अलावा कोई विकल्प नहीं है । इसी विचार के तहत उन्होंने सबसे पहले सावित्रीबाई फुले को शिक्षा से जोड़ा और उन्हें यह अहसास कराया कि महिला हों या पुरुष , दोनों बराबर हैं, उन्होंने जीवनभर छुआछूत को देश से खत्म करने के लिए 1873 में सत्यशोधक समाज की स्थापना की और जिसका मुख्य उद्देश्य समाज में पिछड़े और उपेक्षित वर्ग को सामाजिक न्याय दिलाना था ।
नंदा ने कहा की इसी प्रकार से देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक समाज सुधारक राजनेता है, हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समानता और एकरूपता लाने के लिए महात्मा ज्योतिबा फुले के विचारों को आगे बढ़ाया है, प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले आठ सालों में देश में बालिकाओं और महिलाओं की स्थिति में सुधार के लिए वह किया , जो पिछले 77 सालों में नहीं हो पाया था । उन्होंने दूरदर्शी नीतियों और निर्णयों से महिलाओं की स्थिति में गुणात्मक संवर्द्धन करते हुए उन्हें शैक्षिक,आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त किया और इससे भारत भी आंतरिक रूप से शक्तिशाली हुआ ।
सफाई कर्मियों के पैर धोकर माननीय प्रधानमंत्री जी ने उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ा । महिलाओं को प्रोत्साहित करने की नीति के चलते महिलाओं ने न सिर्फ देशभर में अपनी आभा बिखेरी , बल्कि विश्व फलक पर भी अपनी अमिट छाप छोड़ी । एक ओर जहां पीएम मोदी मंत्रिमंडल में सात और महिलाएं शामिल होने से महिला मंत्रियों की संख्या 11 हुई , वहीं इस बार शहरों से लेकर दूरस्थ गांवों की महिलाओं को भी पद्म पुरुस्कारों में सम्मान मिला । राजस्थान की मैला ढोने वाली ऊषा चौमार , आदिवासी महिला राहीबाई सोमा पोपरे , सिंधुताई सपकल , बिरुबाला रभा , मिजोरम की सोशल वर्कर संघखुमी , चुटनी देवी और कर्नाटक की 72 वर्षीय तुलसी गौड़ा को पर्यावरण के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान के लिए जब पद्मश्री से सम्मानित किया जाता है तो स्पष्ट हो जाता है कि नरेन्द्र मोदी सरकार ज्योतिबा फुले के सपनों को साकार करने के लिए कितना कटिबद्ध होकर काम कर रही है । शौचालय , उज्ज्वला योजना , बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ , सुकन्या समृद्धि योजना , पोषण अभियान , मिशन इन्द्रधनुष जैसी योजनाओं से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महिला सशक्तिकरण को एक नया आयाम दिया है । एसटी कम्युनिटी में एकलव्य मॉडल स्कूल के जरिये शिक्षा को एक नया आधार दिया जा रहा है ।
गरीब , दलित , पीड़ित , शोषित , वंचित के लिए जितने काम पिछले 8 साल में हुए , उतने कभी नहीं हुए ।
इज्जत घर योजना के अंतर्गत नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री बनने के बाद 15 अगस्त 2014 को लाल किले के प्राचीर से स्वच्छता अभियान के तहत शौचालय निर्माण कराने की घोषणा की थी । महज 8 सालों में देश की ग्रामीण क्षेत्रों में 10.95 कारोड़ शौचालय निर्माण हुआ । 2014 के बाद से शौचालय युक्त घरों की संख्या में बढ़कर 61.24 प्रतिशत हो गई । जबकी 2014 की पहले 40 प्रतिशत ग्रामीण घरों में ही शौचालय था । आर्थत 67 साल में 40 प्रतिशत्त घरों में शौचालय बने और 8 सालों में 21 प्रतिशत घरों में शौचालय बने । शौचालय का नाम इज्जत घर दिया गया, इससे महिलाओं में सुरक्षा एवं सम्मान की भावना बढी, उनमें आत्म विश्वास बढ़ा और उनका सशक्तिकरण हुआ । प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना , सुकन्या समृद्धि योजना जैसी अनेकों योजना चला महिलाओं के शशक्तिकरण हेतु हमारी सरकार ने काम किया है।
As colour can’t lose its ability to give colour after being broken several times. Similarly, I also can’t unlearn the art of spreading love and smile, after being broken, several times by my life !
Boasting a rich and dynamic career of over 18 years in journalism. A “journalist” usually works for an organization such as a newspaper or radio or TV station. They are hired to cover news events and present the information in a timely (and hopefully accurate) manner. There are free lance journalists who sell stories to independent companies.
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