शिमला। हिमाचल की राजनीति के चाणक्य और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय संचार मंत्री पंडित सुखराम नहीं रहे। बीती रात नई दिल्ली स्थित एम्स में दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। वह 95 वर्ष के थे। पंडित सुखराम के विधायक बेटे अनिल शर्मा ने सोशल मीडिया के माध्यम से उनके देहांत की जानकारी दी। पंडित सुखराम का जन्म 1927 में हुआ था। अनिल शर्मा ने बताया कि बीती रात करीब एक बजे उन्हें दिल्ली स्थित एम्स में फिर से दिल का दौरा पड़ा और इस कारण उनका देहांत हो गया। आज पंडित सुखराम सुखराम के पार्थिव शरीर को सड़क मार्ग से दिल्ली से मंडी लाया जायेगा। कल पार्थिव शरीर को सेरी मंच पर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है और उसके बाद कल ही उनका अंतिम संस्कार होगा। अनिल शर्मा ने कहा कि पंडित सुखराम के जाने से सिर्फ परिवार को ही नहीं बल्कि मंडी सदर और पूरे प्रदेश को भारी आघात पहुंचा है। उन्हें संचार क्रांति का मसीहा और हिमाचल प्रदेश की राजनीति का चाणक्य कहा जाता था। उन्होंने हमेशा पूरे प्रदेश को एक समान दृष्टि से देखा और विकास में कभी भेदभाव नहीं किया। उन्होंने कहा कि पंडित सुखराम ने प्रदेश के विकास में जो योगदान दिया है उसे कभी नहीं भुलाया जा सकता और वह हमेशा हमारे और प्रदेश सहित देश भर के लोगों के दिलों में रहोगे। उन्होंने कहा कि पंडित सुखराम द्वारा लाई गई संचार क्रांति देश को हमेशा एक नई दिशा देती रहेगी।
पंडित सुखराम को बीते 6 मई को ब्रेन स्ट्रोक के बाद अस्पताल में भर्ती किया गया था और बाद में उन्हें मुख्यमंत्री जय राम के हेलीकॉप्टर से इलाज के लिए एम्स दिल्ली ले जाया गया।
पंडित सुखराम को हिमाचल की राजनीति का चाण्क्य कहा जाता है। वह 1967 से 1997 तक लगातार कांग्रेस में रहे और वर्ष 1998 में उन्होंने कांग्रेस से अलग होकर हिमाचल विकास कांग्रेस का गठन किया क्योंकि संचार घोटाले में नाम आने के बाद उन्हें कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया था।
1998 में ही हुए विधानसभा चुनाव में सत्ता संतुलन पं. सुखराम के हाथ में आ गया और वह प्रदेश के पहले उपमुख्यमंत्री भी रहे। तब से लेकर अब तक पं. सुखराम का कांग्रेस और भाजपा में आना-जाना लगा रहा है। प. सुखराम की राजनीतिक विरासत संभाल रहे उनके पुत्र अनिल शर्मा अभी भी भाजपा के चुने हुए विधायक हैं। बीते लोकसभा चुनाव में अनिल शर्मा के बेटे आश्रय शर्मा मंडी से कांग्रेस के उम्मीदवार थे। ऐसे में अनिल शर्मा को जयराम सरकार में न केवल मंत्री पद गंवाना पड़ा बल्कि वह अभी तक भी राजनीतिक वनवास झेल रहे हैं।
As colour can’t lose its ability to give colour after being broken several times. Similarly, I also can’t unlearn the art of spreading love and smile, after being broken, several times by my life !
Boasting a rich and dynamic career of over 18 years in journalism. A “journalist” usually works for an organization such as a newspaper or radio or TV station. They are hired to cover news events and present the information in a timely (and hopefully accurate) manner. There are free lance journalists who sell stories to independent companies.
“As a Journalist I mainly concerned with getting the facts straight”
RP Negi
Editor in Chief
Contact: 9816020056
Email: [email protected]