शिमला। दिव्यांग योद्धाओं के एक प्रतिनिधिमण्डल ने आज यहां राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से भेंट की। सात दिव्यांग योद्धाओं का यह दल लखनऊ से लेह और लद्दाख से कानपुर तक का 4000 किलोमीटर का सफर 15 दिनों में हाथोें से चलने वाली एडॉप्टर कार से कर रहा है। ‘चलो जीतें हम’ नाम से प्रारम्भ किए गए इस अभियान का उद्देश्य दिव्यांगजनों को भारत की गौरवशाली प्रतिभा से जोड़ना है।
इस अवसर पर, राज्यपाल ने दल का उत्साहवर्द्धन करते हुए कहा कि यह उनकी अपनी जिद्द है कि वे इस अभियान पर निकले हैं और यह अन्यों के लिए एक प्रेरणा है। उन्होंने दल के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि दिव्यांग साथियों के मन में आत्मविश्वास बढ़ाने व देश के सार्वजनिक स्थलों का परिवेश बाधामुक्त करना इस यात्रा का उद्देश्य है। इसके अतिरिक्त ‘एक जनपद एक उत्पाद’ की धारा से दिव्यांगजनों को जोड़कर उन्हें स्वावलंबी बनाना भी इसका उद्देश्य है ताकि उनको अपने गांव व शहर में रोजगार प्राप्त करने में आसानी हो।
यात्रा अभियान के मुख्य संयोजक सुनील मंगल व उनके साथी सेवानिवृत स्क्वाड्रन लीडर अजय प्रताप सिंह ने इस अवसर पर राज्यपाल को अभियान की विस्तृत जानकारी दी।
As colour can’t lose its ability to give colour after being broken several times. Similarly, I also can’t unlearn the art of spreading love and smile, after being broken, several times by my life !
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