December 27, 2024

नगर निगम संशाेधन अधिनियम-2021 पारित, काेर्ट जाएंगे सिंघा

Spread the love

द हिमाचल हेराल्ड,  शिमला

प्रदेश के चार नगर िनगमाें में हाेने वाले चुनाव से पहले राज्य सरकार एक्ट में संशाेधन के िलए िवधेयक लेकर अाई ताे िवपक्ष ने कुछ क्लाॅज पर अापत्ति जताई। िहमाचल प्रदेश नगर िनगम संशाेधन अधिनियम-2021 काे पारित करने से पहले साेमवार काे सदन में चर्चा हाेने लगी ताे िवपक्ष ने इसे इलीगल करार िदया। इस िबल पर सत्तापक्ष अाैर िवपक्ष अामने सामने िदखा अाैर नाराज िवपक्ष ने वाॅकअाउट भी िकया। इस बीच सरकार ने संशाेधित अधिनियम काे ध्वनीमत से पारित कर िदया। माकपा िवकायक राकेश िसंघा ने सरकार काे इस संशाेधित कानून के िखलाफ काेर्ट जाने की धमकी भी दी।
साेमवार काे िवधानसभा बजट सत्र में प्रश्नकाल के बाद हिमाचल प्रदेश नगर निगम संशाेधन विधेयक-2021 को शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने सदन में विचार विमर्श एवम पारण के लिए रखा। जिस पर विपक्ष की तरफ  से किन्नौर के विधायक जगत िसंह नेगी ने सरकार द्वारा शक्तियां अपने पास रखने जैसे कई सवाल उठाए और इसमें संशाेधन की मांग उठाई। उन्होंने रोटेशन की शक्तियां डीसी को देना व आरक्षण को लेकर भाजपा सरकार की मंशा पर सवाल उठाए इसलिए कानून को बनाने से पहले सेलेक्ट कमेटी को भेजा जाए।
माकपा िवधायक राकेश सिंघा ने विधेयक को जल्दबाजी में सदन में लाने की बात करते हुए बताया कि कानून जो लाया जा रहा है वह लीगल न होकर राजनीति से प्रेरित है। कानून को अंतिम माना जाता है लेकिन इस कानून में शक्तियां डीसी को दे दी। डीसी को सरकार प्रभावित कर सकती है। इसलिए ये कानून पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है। यदि सरकार बहुमत का बल दिखाकर इस रूप में इस कानून को पारित करने की कोशिश करती है तो वह न्यायालय का दरवाजा खटखटाने से नही हिचकिचाएंगे।

सदन में क्या बाेल शहरी िवकास मंत्री
शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने बताया कि नगर निगम को लेकर कानून बनाने की ज़रूरत इसलिए पड़ी क्योंकि शिमला के अलावा अब 4 नई नगर निगम बन गई है। निगम के कानून में ये प्रावधान है कि राजनीतिक पार्टी चुनाव चिन्ह पर चुनाव करवाए जा सकते हैं। डीसी की शक्तियां इस लिए है कि क्योंकि यदि किसी को डिसक्वालीफाई करना है तो डीसी से नीचे का अधिकारी नही कर पाएगा इससे ऊपर का अधिकारी कर पाएगा ऐसा प्रावधान पहले से है। जहां तक आरक्षण का सवाल है वह एक्ट में प्रोविजन है। रोटेशन के आधार पर निगमों में चुनाव लड़ने का प्रावधान है।