शिमलाः हिमाचल प्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष नेगी निगम भंडारी ने कहा कि जयराम सरकार का बजट कोरोना जैसे संकट काल में भी आम जनता को राहत देने में विफल रहा है। उन्होंने कहा कि धराशाही हुई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए जयराम सरकार के बजट से जनता को काफी उम्मीद थी। लेकिन वर्तमान बजट से युवा वर्ग, किसान व बागवान, कर्मचारी वर्ग, न्यू पेंशन कर्मचारी वर्ग, पत्रकारों व पर्यटन कारोबारियों को घोर निराशा ही हाथ लगी है। उन्होंने कहा कि इस बजट से आम जनता चाहे वो पढ़े लिखे बेरोजगार हो या सरकारी कर्मचारी हो या मंहगाई की मार झेल रही घर चलाने वाली गृहणी हो, किसान व बागवान हो सभी को निराशा हाथ लगी है।
नेगी ने कहा कि जयराम सरकार ने हिमाचल की आम जनता को पिछले तीन बजट में कुछ नही दिया पिछले एक वर्ष से कोरोना से आई आर्थिक मंदी और बेतहाशा महंगाई की मार झेल रही आम जनता को बजट में कोई राहत नही दी गई हैं। रोजगार के नाम पर ऊंट के मुॅंह में जीरा डालने जैसा है। हिमाचल में सरकारी आंकड़े के अनुसार 8 लाख ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट बेरोजगार युवाओं को नौकरी दिलाने का कोई प्रावधान और पैसा इस बजट में नही दिया गया। भाजपा सरकार ने अपने घोषणा पत्र में हर साल तीस हजार सरकारी और गैर सरकारी नौकरी देने की बात की गई जो कि ऊंट के मुॅंह में जीरे के समान है।
नेगी निगम भंडारी ने कहा कि प्रदेश की सकल घरेलू आय में प्रमुख भूमिका निभाने वाले किसान व बागवानी क्षेत्र की बजट में अनदेखी हुई है। नए सी.ए., स्टोर, प्रोसैसिंग प्लांट के बारे में बजट में कोई प्रावधान नही हैं। प्रदेश की 65 प्रतिशत जनसंख्या का जीवन यापन कृषि और बागवानी पर टिक्का है। सरकार के बजट में इतनी बडी जनसंख्या को कुछ भी खास नही दिया गया। यहाॅ तक कि मोदी सरकार ने किसानों और बागवानों की आय 2022 में दौगुनी करने की बात कही थी अब 9 महीनों में 2022 आने वाला है जिस पर हिमाचल की भाजपा सरकार ने पिछले साढ़े तीन सालों में कुछ नही किया अब जाकर किसानों और बागवानों को बेवकूफ बनाने के लिए एक्सपर्ट ग्रुप के गठन की घोषणा की है ना ही इस बजट में किसानों के लिए एमएसपी का जिक्र किया गया और न ही बागवानी को सुदृढ़ बनाने के लिए कोल्ड स्टोर गुणवक्ता और उतपादकता बढ़ाने के लिए कोई अतिरिक्त धनराशि दी गयी है।
नेगी ने कहा कि प्रदेश के सरकारी कर्मचारियो व न्यू पेंशन कर्मचारियो को भी इस बजट से काफी आशा थी लेकिन उन्हें भीे निराशा ही मिली है। इस बजट में प्रदेश के अढ़ाई लाख कर्मचारियों की उम्मीदों पर पानी फिरा है। प्रदेश का एक बड़ा वर्ग अपने परिवार का भरण पोषण सरकारी नौकरी में काम करके करता है, लेकिन सरकार ने कर्मचारियों की अनदेखी करते हुए अपने चुनावी घोषणा पत्र में किये गए वादों को पूरा नही किया गया इस बजट में सरकारी कर्मचारियों का अनुबंध तीन साल से घटाकर दो वर्ष नही किया गया। साथ ही कर्मचारियों की पुरानी मांग यानि कि कर्मचारियों की नियुक्ति की तिथि वरिष्ठता और अनुबंध काल को सेवाकाल से जोड़ने और कर्मचारी वेतनमान 2016 से मांग रहें है और पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने वारे में इस बजट में कुछ नही किया गया। प्रदेश में न्यू पेंशन कर्मचारियों को भी इस बजट से काफी आशाएं थी लेकिन निराशा ही हाथ लगी है और उनकी मांगों पर भी जयराम सरकार ने इस बजट में कोई गौर नही किया।
As colour can’t lose its ability to give colour after being broken several times. Similarly, I also can’t unlearn the art of spreading love and smile, after being broken, several times by my life !
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