~ ढुलाई दरों पर ट्रक ऑपरेटरों एवं सीमेंट फैक्ट्री प्रबंधन में सहमति बनी
~मुख्यमंत्री ने सहयोग के लिए सभी का आभार व्यक्त किया
कहा, प्रदेश की जनता के हितों की रक्षा के लिए हमेशा रहूंगा तत्पर
द हिमाचल हेराल्ड, शिमला
प्रदेश सरकार की मध्यस्थता के बाद सीमेंट फैक्ट्री और ट्रक ऑपरेटर्ज के बीच जारी विवाद समाप्त हो गया है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आज यहां आयोजित बैठक में दोनों पक्षों ने ढुलाई की दरों पर सहमति जताई है।
बैठक के उपरांत मीडिया से अनौपचारिक बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विवाद शुरू होने के बाद से ही वह व्यक्तिगत तौर पर भी इसके समाधान के लिए निरंतर प्रयासरत रहे। उन्होंने कंपनी प्रबंधन और उच्च अधिकारियों से लगातार संवाद बनाए रखा। उन्होंने कहा कि सरकार की मध्यस्थता और लगातार बातचीत से कंपनी प्रबंधन ढुलाई की नई दरों पर सहमत हो गया है। उन्होंने कहा कि आज की बैठक में बिलासपुर तथा सोलन जिला के ट्रक ऑपरेटर्ज तथा अडानी समूह के उच्चाधिकारियों की मौजूदगी में यह नई दरें निर्धारित की गई है जिसमें सिंगल एक्सेल के लिए 10 रुपये 30 पैसे प्रति किलोमीटर प्रति क्विंटल तथा मल्टी-एक्सेल के लिए 09 रुपये 30 पैसे प्रति किलोमीटर प्रति क्विंटल की ढुलाई दरें निर्धारित की गई हैं। उन्होंने कहा कि फैक्ट्री प्रबंधन ने कल से ही सीमेंट उत्पादन पुनः शुरू करने पर अपनी सहमति जताई है तथा ट्रक ऑपरेटर्ज भी इन दरों पर ढुलाई के लिए तैयार हो गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ढुलाई दरों में वार्षिक वृद्धि से संबंधित मामलों के लिए प्रधान सचिव उद्योग तथा अन्य अधिकारी एक फार्मूला तय करेंगे। इसके अलावा ट्रक ऑपरेटर्ज की अन्य समस्याओं के निदान के लिए सोलन तथा बिलासपुर जिला के उपायुक्तों को निर्देश दिए गए हैं और वे कंपनी प्रबंधन के साथ मिलकर इसका समाधान सुनिश्चित करेंगे।
उन्होंने कहा कि सभी के समन्वित प्रयासों से इस मामले का सर्वमान्य हल संभव हो सका है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के सत्ता संभालने के 5 दिन के बाद ही यह विवाद सामने आया और सीमेंट फैक्टरी प्रबंधन ने उत्पादन रोकने की घोषणा कर दी। गत वर्ष 16 दिसंबर को ट्रक ऑपरेटर्ज हड़ताल पर चले गए थे। इसके उपरांत प्रदेश सरकार ने इस मामले की पूरी जानकारी प्राप्त की। प्रदेश सरकार लगातार ट्रक ऑपरेटर्ज और फैक्ट्री प्रबंधन के साथ बातचीत करती रही। दाड़लाघाट और बरमाणा स्थित सीमेंट फैक्ट्री का स्वामित्व बदलने के बाद प्रबंधन पुरानी दरों पर ढुलाई भाड़ा प्रदान करने को सहमत नहीं था और यहीं से विवाद बढ़ता गया।
उन्होंने कहा कि इस विवाद का सभी पक्षों को नुकसान हो रहा था। प्रदेश में सीमेंट उत्पादन रुकने से जहां आर्थिक तौर पर नुकसान हो रहा था वहीं इस से जुड़े ट्रक ऑपरेटर्ज, ट्रक चालक एवं परिचालक, गाड़ियों की मरम्मत तथा अन्य कार्यों में जुटे स्थानीय लोग, ढाबा संचालक इत्यादि हजारों परिवार भी आर्थिक तंगी की हालत में जा रहे थे। ऐसे में प्रदेश सरकार ने मानवीय दृष्टिकोण से भी इस मामले को हल करने के लिए लगातार प्रयास किए।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का स्पष्ट मानना है कि ट्रक ऑपरेटर्ज के साथ-साथ वहां कार्य कर रहे कर्मचारियों तथा अप्रत्यक्ष तौर पर फैक्ट्री के आसपास रोजगार में लगे लोगों के परिवारों के हितों की रक्षा की जाए। साथ ही प्रदेश सरकार फैक्ट्री प्रबंधन को भी नुकसान के पक्ष में नहीं थी। प्रदेश सरकार का स्पष्ट मानना है कि राज्य में उद्योगों को बढ़ावा दिया जाए और उन्हें हर संभव सुविधा प्रदान की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी के हितों की रक्षा प्रदेश सरकार का ध्येय है। यही कारण रहा कि प्रदेश सरकार ने सर्वमान्य हल को प्राथमिकता दी।
मुख्यमंत्री ने इस विवाद को हल करने के लिए निरंतर प्रयास कर रहे सरकार के प्रतिनिधियों और अधिकारियों की टीम की सराहना की।
मुख्यमंत्री ने इस पूरे घटनाक्रम के दौरान धैर्य और सौहार्द बनाए रखने के लिए ट्रक ऑपरेटर्ज और कंपनी प्रबंधन का भी आभार व्यक्त किया।
बैठक में मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, बिलासपुर ट्रक ऑपरेटर यूनियन के अध्यक्ष राकेश ठाकुर तथा अन्य प्रतिनिधि और सोलन जिला से ट्रक ऑपरेटर यूनियन के अध्यक्ष जयदेव कौंडल तथा अन्य प्रतिनिधि शामिल हुए। अडानी समूह की ओर से मनोज जिंदल और संजय वशिष्ट ने बैठक में भाग लिया।
प्रधान सचिव परिवहन आर.डी. नज़ीम, निदेशक परिवहन अनुपम कश्यप, निदेशक खाद्य एवं आपूर्ति केसी चमन, उपायुक्त बिलासपुर पंकज राय और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में शामिल हुए।
As colour can’t lose its ability to give colour after being broken several times. Similarly, I also can’t unlearn the art of spreading love and smile, after being broken, several times by my life !
Boasting a rich and dynamic career of over 18 years in journalism. A “journalist” usually works for an organization such as a newspaper or radio or TV station. They are hired to cover news events and present the information in a timely (and hopefully accurate) manner. There are free lance journalists who sell stories to independent companies.
“As a Journalist I mainly concerned with getting the facts straight”
RP Negi
Editor in Chief
Contact: 9816020056
Email: [email protected]