
-2000 के अलाॅट हाे चुके हैं ये सभी प्राेजेक्ट्स
-सरकार ने काेरण बताअाे नाेटिस भी िकया था जारी, कंपनियाें ने नहीं की स्थिति स्पष्ट
द हिमाचल हेराल्ड, शिमला
बाहरी राज्याें काे िबजली की राेशनी से नहाने वाला ऊर्जा राज्य िहमाचल प्रदेश में िपछले 21 वर्षाें से 737 िबजली परियाेजनाएं िनर्माण के िलए ट्रैक पर नहीं लाैटी। हालांकि जयराम सरकार ने सत्ता में अाने के बाद निर्माण कार्य में एक कदम भी आगे नहीं बढऩे वाली 737 बिजली परियोजनाओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया था, लेकिन कंपनियाें हैं कि मानती नहीं। ये ऐसी परियोजनाएं हैं जो वर्ष 2000 के बाद अलॉट हो चुकी हैं, मगर निर्माण कार्य शुरु नहीं हुए। बताया जा रहा है िक इन प्रोजेक्ट्स की क्षमता 5030 मेगावाट है। पांच से लेकर 6 सौ मेगावाट तक की क्षमता वाले इन प्रोजेक्ट्स निर्माण कार्य में देरी के पीछे कारण का जवाब भी सरकार ने मांगा है। अभी तक इन परियोजना प्रबंधनों ने अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की। सरकार ने यह भी पूछा है कि प्रोजेक्ट निर्माण कार्य कब से शुरू होना है और औपचारिकताओं के लिए कितना समय लगेंगे। ऐसे में परियोजना प्रबंधन की ओर से जवाब न मिलने और कार्य शुरू न करने की स्थिति में सरकार एग्रीमेंट भी रद्द कर सकती और अपफ्रंट प्रीमियम भी वापस नहीं की जाएगी। यहां तक कि पूर्व में अलॉटिड चार ऐसी परियोजनाएं हैं जिसकी अपफ्रंट प्रीमियम 300 करोड़ सरकार के पास आ चुकी है, लेकिन कंपनियों ने परियोजना कार्य ही छोड़ दिए।
सुप्रीम काेर्ट से िमली सुप्रीम राहत
िपछले महीने सुप्रीम काेर्ट से िहमाचल काे सुप्रीम राहत भी िमल गई है। सर्वोच्च न्यायालय ने 15 फरवरी 2021 को जारी आदेशों के अनुसार 138 परियोजनाओं को कार्यान्वित करने की अनुमति प्रदान की है जिसके लिए केंद्र सरकार ने एफसीए के तहत स्वीकृति प्रदान की है और एफआरए के तहत 465 परियोजनाओं को कार्यान्वित करने की अनुमति प्रदान की है। एेसे में िहमाचल में लंबित पड़े प्राेजेक्ट्स िनर्माण शुरु करने में काेई अड़चन नहीं अाएगी। बताया गया िक एफसीए अाैर एफअारए क्लीयरेंस हाेने से पावर प्राेजेक्ट्स के साथ-साथ 1337 करोड़ रुपये के ग्रीन कोरिडोर नेशनल हाइवे सिरमौर और केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा स्वीकृत 61.48 करोड़ रुपये लागत के टू लेन नेशनल हाइवे 20ए (नया एनएच 503) धर्मशाला प्रमुख परियोजनाएं हैं।

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