द हिमाचल हेराल्ड, शिमला
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी(मार्क्सवादी) ने प्रदेश सरकार द्वारा निजी स्कूलों को लेकर मनमानी फीस वसूली व नियमन के लिए लाया जा रहा विधेयक को निजी स्कूलों के प्रबन्धन के दबाव में आकर इसे विधानसभा में पेश न करने की कड़ी निंदा की और सरकार से मांग की है कि निजी स्कूलों की मनमानी रोकने के लिए तुरन्त अध्यादेश लाया जाए तथा इसमे मनमानी फीस वसूली पर रोक व नियमों को बनाकर निजी स्कूलों व संस्थानों के नियमन की व्यवस्था की जाए।
सरकार गत कई वर्षों से प्रदेश में निजी स्कूलों की मनमानी रोकने में पूर्णतः विफल रही है। प्रदेश के छात्र व अभिभावकों के संगठन लम्बे समय से निजी स्कूलों की मनमानी फीस वृद्धि पर रोक व इनके नियमन के लिए कानून बनाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहें हैं परन्तु सरकार एक ओर छात्रों व अभिभावकों को केवल कोरे आश्वासन ही दे रही है और दूसरी ओर निजी स्कूलों को मनमानी फीस वसूली व अन्य प्रकार की मनमानी की छूट दे रही है। सरकार एक ओर बयान दे रही थी कि लॉकडाउन के दौरान स्कूल केवल ट्यूशन फीस ही लेंगे और अब बयान दे रही है कि छात्र, अभिभावक व स्कूल प्रबन्धन आपस में मिलाकर इस विवाद को सुलझाए। इससे स्पष्ट हो गया है कि सरकार निजी स्कूलों के प्रबंधन के दबाव में आकर छात्रों व अभिभावकों के हितों से खिलवाड़ कर रही है। सरकार के इस लचर रवैये के कारण आज कई स्कूल मनमानी फीस व सभी चार्जेज के लिए दबाव बना रहे हैं और इनमें से कुछ स्कूल व संस्थान तो छात्रों व अभिभावकों को प्रताड़ित भी कर रहे हैं। अधिकांश स्कूलों ने आगामी वर्ष की फीस में भी बिना किसी से चर्चा कर ही 12 से 20 प्रतिशत तक फीस में वृद्धि कर दी है जोकि बिल्कुल भी न्यायुचित नहीं है।
आज जनता कोविड के कारण पहले ही आर्थिक संकट से जूझ रही है और इस प्रकार की मनमानी से इनकी परेशानी और और अधिक बड़ी है। सरकार ने जनता को कोविड काल मे किसी भी रूप में राहत प्रदान नहीं की है। जबकि सरकार के पास करोड़ों रुपये राहत के लिए जमा हुए हैं। पार्टी मांग करती है कि जो स्कूल अपना खर्च वहन नही कर पा रहें हैं उन्हें सरकार कोविड के लिए प्राप्त राहत राशि से सहायता प्रदान करे और निजी स्कूलों को केवल ट्यूशन फीस लेने व अगामी वर्ष स्कूल फ़ीस में वृद्धि पर भी रोक लगाने के तुरंत आदेश जारी करे। यदि सरकार निजी स्कूलों की मनमानी फीस वसूली पर रोक व इन स्कूलों व संस्थानों के नियमन के लिए तुरंत अध्यादेश नहीं लाती तो सीपीएम छात्रों व अभिभावकों के संगठनों के साथ मिलकर इसके लिए आंदोलन करेगी।
As colour can’t lose its ability to give colour after being broken several times. Similarly, I also can’t unlearn the art of spreading love and smile, after being broken, several times by my life !
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