December 26, 2024

हिमाचल में सस्ती दराें पर बचत की राेशनी

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-प्रदेश में अब तक 331.25 मेगावाट की यूनिट हाे चुकी हैं स्थापित
-फरवरी माह में पूरा हाे गया 10 मेगावाट का लक्ष्य

द हिमाचल हेराल्ड। शिमला 
ऊर्जा बचत के लिए घर की छत्त पर लगाए जाने वाले सोलर रूफ टॉप प्लांट अब लोग सस्ती दरों पर लगा सकेंगे। राज्य सरकार के उपक्रम हिमऊर्जा ने इसकी दरों में भारी कटौती की है। हिम ऊर्जा ग्रिड से जुडे सोलर रूफटाॅप पावर प्लांट के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई थीं, जिसमें दरें कम हो गई हैं। सरकार ने प्रदेश में सौर ऊर्जा को बढावा व लोकप्रिय बनाने के लिए ग्रिड से जुडे सोलर रूफटाॅप का 10 मेगावाट लक्ष्य फरवरी 2021 तक निर्धारित किया था। आम लोग अपनी बिजली स्वयं पैदा कर सकें और राज्य में सौर ऊर्जा का तीव्र दोहन हो सके। पहले ग्रिड से जुडे सोलर रूफटाॅप 0 से10 किलोवाट की कीमत 61 हजार रूपए प्रति किलोवाट थी, जो अब 53 हजार 150 प्रति किलोवाट हो गई है। उल्लेखनीय है िक राज्य में हिमऊर्जा विभाग के माध्यम से लगभग 331.25 मेगावाट की 89 सूक्ष्म एवं लघु जल विद्युत परियोजनाएं की जा चुकी हैं। प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों में बिजली की समस्या के समाधान के लिए राज्य सरकार द्वारा हिमऊर्जा विभाग के माध्यम से सौर ऊर्जा का उपयोग करने के लिए व्यापक कार्यक्रम चलाया गया है।

जितना बड़ा प्रोजेक्ट उतनी कम होगी लागत
0 से 10 किलोवाट            53,150 रुपए
10 से 50 किलोवाट          49,700 रुपए
50 से 100 किलोवाट         47,000 रुपए
100 से 300 किलोवाट       44,000 रुपए
300 से 500 किलोवाट       42,000 रुपए

केंद्र देगा 70 फीसदी सब्सिडी
हिमऊर्जा से िमली जानकारी के मुताबिक नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार द्वारा 70 प्रतिशत और राज्य सरकार की तरफ से 4 हजार प्रति किलोवाट हिमऊर्जा के माध्यम से सब्सिडी दी जा रही है। राज्य सरकार की सब्सीडी उपभोक्ता के खाते में जमा होगी, जबकि नेट मीटरिंग का खर्च अलग से देय होगा। िवभाग के मुताबिक पहले से सूचीबद्ध फर्मों को उपरोक्त दरों पर एक सप्ताह के अंदर अपनी सहमती देने के लिए कहा गया है। जिन फर्मो की सहमती हिमऊर्जा को प्राप्त होगी, उसके बाद नई सूची हिमऊर्जा की बेबसाईट पर नबंवर के पहले हफ्ते डाल दी जाएगी।
331.25 मेगावाट के 89 स्माल हाइड्रो यूनिट स्थापित
बताया गया कि हिमऊर्जा के गठन के बाद विभाग द्वारा राज्य में अब तक 331.25 मेगावाट के 89 स्माल हाइड्रो यूनिट स्थापित किए जा चुके हंै, जो 5 मेगावाट तक के हैं, जो लोगों की बिजली की समस्या का समाधान करने में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। जिला चंबा में लगभग 82.7 मेगावाट, कांगड़ा जिला में 98.65 मेगावाट, किन्नौर जिला में 25.9 मेगावाट, कुल्लू जिला में 60 मेगावाट, मंडी जिला में 10.50 मेगावाट, शिमला जिला में 39 मेगावाट और सिरमौर जिला में 12 मेगावाट के स्माल हाइड्रो यूनिट स्थापित किए गए हंै।
आॅफ ग्रिड सोलर पावर प्लांट निःशुल्क स्थापित
प्रदेश सरकार के वर्तमान कार्यकाल के दौरान किन्नौर जिला के कुन्नू और चारंग गांव में स्वच्छ बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कुन्नू गांव में 34 घरों और चारंग गांव में 40 घरों में एक किलोवाट के आॅफ ग्रिड सोलर पावर प्लांट निःशुल्क स्थापित किए। इसके अतिरिक्त चम्बा जिला के पांगी उपमण्डल में एक हजार बीपीएल परिवारों के घरों में गत दिसम्बर माह में 250 वाट के आॅफ ग्रिड सोलर पावर प्लांट स्थापित किए गए हैं ताकि इन दुर्गम क्षेत्रों में सर्दियों के दौरान होने वाली भारी बर्फबारी में बिजली के खंभों व तारों के टूटने के कारण उत्पन्न होने वाले विद्युत संकट से बचा जा सके।