द हिमाचल हेराल्ड, शिमला
प्रदेश का समग्र और समावेशी विकास सुनिश्चित करने और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए राज्य सरकार निरन्तर प्रयासरत है। राज्य सरकार ने ग्रामीण महिलाओं के विकास के लिए स्वयं सहायता समूह गठित कर उन्हें आर्थिक रूप से सक्षम बनाने की एक अभिनव पहल की है। जिसके माध्यम से महिलाओं के आत्मनिर्भर बनने के सपने को नई उड़ान मिल रही है।
राज्य में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के अंतर्गत 24500 स्वयं सहायता समूह गठित किए गए हैं। इन समूहों से जुड़ी महिलाओं द्वारा बनाए गए गुणवत्तापूर्ण उत्पादों को वैश्विक और राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के उद्देश्य से हिमाचल प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ने ‘हिम ईरा’ ब्रांड तथा लोगो को वित्त वर्ष 2019-20 में पंजीकृत किया है। इस ब्रांड के अंतर्गत अब सभी स्वयं सहायता समूह अपने उत्पाद बेच रहे हैं। हिम ईरा ब्रांड को लोकप्रिय बनाने के उद्देय से हिमाचल प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन हिम ईरा दुकानों और साप्ताहिक बाजारों को स्थापित कर रहा है।
इस ब्रांड के माध्यम से लोगों को कम मूल्य पर अच्छी गुणवत्ता वाले उत्पाद उपलब्ध करवाए जाते हैं। हिम ईरा ब्रांड से स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार किए जाने वाले उत्पादों को बड़े स्तर पर एक अलग पहचान मिल रही है। हिम ईरा दुकानों और साप्ताहिक बाजार, महिला मंडलों के उत्पादों को बाजार उपलब्ध करवाने में मील का पत्थर साबित हो रहे हैं। इस पहल के माध्यम से स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को उनके उत्पादों की बिक्री के लिए ग्राम पंचायत में स्थान उपलब्ध करवाया जाता है। इसके अतिरिक्त खंड स्तर पर साप्ताहिक मार्केट भी लगाई जाती है, जिसमें समूहों की महिलाएं सीधे तौर पर अपने उत्पाद लोगों को बेच सकती हैं।
हिम ईरा दुकानों और साप्ताहिक मार्केट का मुख्य उद्देश्य समूह की महिलाओं को उनके उत्पादों की बिक्री के लिए एक मंच प्रदान करना है ताकि उन्हें आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाया जा सके। इस प्रयास से महिलाओं की आर्थिकी सुदृढ़ होने के साथ-साथ स्थानीय लोगों को अपने घरों के आसपास ही कम मूल्यों पर घरेलु उत्पाद भी उपलब्ध हो रहे हैं।
हिम ईरा दुकानें और बाजार लघु और सीमांत किसानों तथा स्वयं सहायता समूहों द्वारा प्राकृतिक खेती से उगाए जैविक उत्पादों को बिना किसी बिचैलिए के बाजार उपलब्ध करवाने में सहायक सिद्ध हो रहे हैं। प्रदेश के विभिन्न भागों में 100 हिम ईरा दुकानें स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है जिसके अंतर्गत हर विधानसभा क्षेत्र में एक हिम ईरा दुकान को स्थापित किया जाएगा। अब तक प्रदेश के 46 स्थानों में हिम ईरा दुकानें स्थापित की जा चुकी हैं और राज्य के अलग-अलग 71 स्थानों में दुकानें स्थापित करने के लिए स्थान चयनित किए जा चुके हैं। इन दुकानों के माध्यम से स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों की बिक्री के लिए एकल मंच प्रदान किया जा रहा है। फरवरी 2021 तक हिम ईरा दुकानों के माध्यम से एक करोड़ 20 लाख रुपये के उत्पादों की बिक्री दर्ज करवाई जा चुकी है।
हिम ईरा साप्ताहिक बाजार विकास खण्ड कार्यालय परिसर या आस-पास के उपलब्ध स्थानों पर आयोजित किए जाते हैं। साप्ताहिक बाजारों के लिए ऐसे स्थानांे का चयन किया जाता है, जहां स्वयं सहायता समूह और स्थानीय लोग उत्पादों को बेचने व खरीदने के लिए आसानी से पहुंच सकें। वर्तमान में अगस्त 2020 से जनवरी 2021 तक की अवधि में प्रति साप्ताहिक बाजार में 15000 रुपये से 22500 रुपये की औसत बिक्री दर्ज की गई है
As colour can’t lose its ability to give colour after being broken several times. Similarly, I also can’t unlearn the art of spreading love and smile, after being broken, several times by my life !
Boasting a rich and dynamic career of over 18 years in journalism. A “journalist” usually works for an organization such as a newspaper or radio or TV station. They are hired to cover news events and present the information in a timely (and hopefully accurate) manner. There are free lance journalists who sell stories to independent companies.
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