द हिमाचल हेराल्ड। शिमला
पीसीसी चीफ कुलदीप सिंह राठौर ने डीज़ल, पेट्रोल और एलपीजी गैस सिलेंडर के बढ़ते दामों पर केंद्र सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा है कि मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों ने आज देश को बर्बाद करके रख दिया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार ने इन तेल कंपनियों को देश के लोगों को लूटने की खुली छूट दे दी है,जब चाहो जितना चाहो मनमर्जी से तेल के मूल्यों को बढ़ाते चलो और अपनी तिजोरियों को भरते चलो।
राठौर ने एलपीजी सिलेंडर के मूल्यों में एकमुश्त 50 रुपये की बढ़ोतरी को गैरवाजिब बताते हुए कहा है कि इसका सीधा असर आम और गरीब लोगों के साथ साथ महिला वर्ग पर पड़ रहा है जिन्हें सीमित साधनों व सीमित आय के चलते अपने घर का चुला चौका चलाना पड़ता है। देश मे बढ़ती बेरोजगारी ने पहले ही लोगों के जीवन पर विपरीत असर डाला है तो दूसरी तरफ बढ़ती महंगाई ने लोगों की कमर तोड़ कर रख दी है।
राठौर ने कहा कि इसी तरह पेट्रोल और डीजल जो 100 रुपये के आसपास पहुंच गया है। हर रोज इसके मूल्यों में बढ़ोतरी कर सरकार देश को अपने चुनावी वायदे के अच्छे दिन दिखा रही है। उन्होंने कहा कि देश मे यूपीए सरकार के समय एलपीजी सिलेंडर की कीमत 436 रुपये के आसपास होती थी आज वह डबल से बढ़कर 866 रुपये से भी ज्यादा हो गया है।इसी तरह तेल जो 45 से 50 रुपए के आसपास मिलता था आज डबल से ज्यादा 100 रुपये तक पहुंच गया है।बाबजूद इसके सरकार को इसकी कोई भी चिंता नही दिखती।
राठौर ने कहा है कि यूपीए सरकार के समय अगर यदाकदा पांच,सात रुपये किसी भी वस्तु के बढ़ जाते थे तो भाजपा के नेता सड़को पर उतर कर हाय तौबा करते थे,आज यही नेता कही अंधेरे में अपना मुंह छुपा कर बैठे है।आज इन्हें न तो महंगाई नज़र आ रही है और न ही लोगों की कोई समस्या।
राठौर ने कहा है कि आज देश की आवज को दबाया जा रहा है।देश का किसान काले कृषि कानूनों को लेकर पिछले तीन महीनों से दिन रात सड़को पर बैठा है।उनकी आवाज को दबाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि कांग्रेस देश के लोगों व किसानों के साथ उनकी आवाज बन कर खड़ी है।
As colour can’t lose its ability to give colour after being broken several times. Similarly, I also can’t unlearn the art of spreading love and smile, after being broken, several times by my life !
Boasting a rich and dynamic career of over 18 years in journalism. A “journalist” usually works for an organization such as a newspaper or radio or TV station. They are hired to cover news events and present the information in a timely (and hopefully accurate) manner. There are free lance journalists who sell stories to independent companies.
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