द हिमाचल हेराल्ड, शिमला
राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने आज पीटरहाॅफ शिमला में शिक्षक दिवस के अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में वर्ष 2021 के लिए 17 शिक्षकों को राज्य पुरस्कार और एक को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। राज्यपाल ने पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय डाॅ. एस राधाकृष्णन को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की जिनका जन्म दिवस देश भर में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि डाॅ. राधाकृष्णन एक सत्यनिष्ठ व्यक्ति, शिक्षाविद् और सफल प्रशासक थे। उन्होंने कहा कि उनके विचार भारतीय संस्कृति से जुड़े हुए थे और उन्हें विश्वास था कि भारतीय परम्परा से जुड़ी शिक्षा देश में फिर से लागू होगी। श्री आर्लेकर ने कहा कि समाज में शिक्षक की भूमिका महत्त्वपूर्ण होती है और शिक्षक समाज का निर्माण और मार्गदर्शन करते हैं इसलिए शिक्षकों का दायित्व और अधिक बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि हमारी प्राचीन संस्कृति में गुरू को भगवान का दर्जा दिया गया है क्योंकि गुरू के बिना कोई भी कार्य पूर्ण नहीं होता है। गुरू और शिक्षक के रिश्ते में निरंतरता होती है और इस दृष्टि से शिक्षक की भूमिका मार्ग दर्शक के रूप में और अधिक बढ़ जाती है। शिक्षक भावी पीढ़ी के निर्माण के साथ एक आदर्श स्थापित करते हैं। राज्यपाल ने चरित्र, व्यक्तिगत एवं सामाजिक नैतिक मूल्यों में कमी पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि इन कारणों से देश कई क्षेत्रों में पिछड़ जाता है। उन्होंने कहा कि यह दिन आत्मनिरीक्षण का दिन है। उन्होंने कहा कि शिक्षा अच्छे इंसान बनने की प्रक्रिया का आधार है। बच्चों के समग्र विकास का उद्देश्य मजबूत राष्ट्र का निर्माण करना है इसलिए शिक्षकों का यह दायित्व है कि वे बच्चों में नैतिक मूल्यों का विकास करें। राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा एक महान व्यवसाय है और यह एक बड़ी जिम्मेदारी है क्योंकि विद्यार्थी शिक्षकों के आचरण, चरित्र और विचारों से प्रभावित होते हैं। शिक्षकों को ईमानदारी से अपने कत्र्तव्य का निर्वाह करना चाहिए। पुरस्कार विजेताओं को बधाई देते हुए उन्होंने शिक्षण समुदाय से और अधिक प्रतिबद्धता और समर्पण भाव से काम करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति हमारी शिक्षा प्रणाली की उपनिवेश प्रणाली से स्वतंत्रता की ओर पहला कदम है। उन्होंने कहा कि हमें शिक्षा नीति के लिए जितना संभव हो उतना योगदान देना चाहिए। इस दिशा में हमें योगदान देना चाहिए जो डाॅ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। इस अवसर पर राज्यपाल ने स्मारिका का विमोचन भी किया। उन्होंने हिमाचल प्रदेश स्वर्ण जयंती विद्यार्थी अनुशिक्षण योजना का भी शुभारंभ किया।
शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि हिमाचल प्रदेश ने शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास किया है जिसका श्रेय हमारे शिक्षकों को जाता है। उन्होंने कहा कि जब हिमाचल अस्तित्व में आया था उस समय साक्षरता दर 10 से 12 प्रतिशत थी, जो वर्तमान समय में 86 प्रतिशत से अधिक है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में विद्यालयों, महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों की संख्या में वृद्धि हुई है और प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों में भी विद्यालयों की सुविधा उपलब्ध है, जहां हमारे शिक्षक कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोगों में भी शिक्षा प्राप्त करने की भावना है जिसके फलस्वरूप शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश देश में अग्रणी हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के सक्षम नेतृत्व में प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक स्ंास्थानों में अधोसंरचना के विकास के साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जा रही है ताकि विद्यार्थी अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सके। राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश को विकास के पथ पर अग्रसर करेगी और हम प्रगति करेंगे।
शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर ने राज्यपाल का स्वागत करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षा क्षेत्र के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि प्रदेश मंे 11,23,283 विद्यार्थी हैं। वर्तमान समय में शिक्षा के क्षेत्र में 79,234 शिक्षक और 17,934 गैर-शिक्षक कर्मचारी कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि 1 जनवरी, 2018 से प्रदेश के 4,838 शिक्षकों की सेवाएं नियमित की गई हैं जो अपने आप में एक इतिहास है। उच्चतर शिक्षा में 537 सहायक प्राध्यापक, 2,475 प्रवक्ता, 334 डीईपी, 466 लिपिक और 791 चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को नियमित किया गया है। उन्होंने कहा कि 5,814 पद उन लोगों द्वारा भरे गए हैं जो वर्षों से पदोन्नति का इंतजार कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जनवरी, 2018 से प्रदेश सरकार ने 8,136 अध्यापकों की नियुक्ति की है जबकि 5,095 पदों की भर्ती प्रक्रिया जारी है। उन्होंने कहा कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में विभिन्न श्रेणियों के शिक्षकों के 4000 रिक्त पदों पर भर्ती की जा रही हैं जिसके लिए विभागीय स्तर की सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं।
As colour can’t lose its ability to give colour after being broken several times. Similarly, I also can’t unlearn the art of spreading love and smile, after being broken, several times by my life !
Boasting a rich and dynamic career of over 18 years in journalism. A “journalist” usually works for an organization such as a newspaper or radio or TV station. They are hired to cover news events and present the information in a timely (and hopefully accurate) manner. There are free lance journalists who sell stories to independent companies.
“As a Journalist I mainly concerned with getting the facts straight”
RP Negi
Editor in Chief
Contact: 9816020056
Email: [email protected]