December 23, 2024

हिमाचल बजट: सीएम सुक्खू ने सभी सेक्टर को किया संतुष्ट

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-कर्मचारी, मनरेगा मजदूर, पुलिस कर्मियों को तोहफा
-बागवानों को यूनिवर्सल कार्टन, पहाड़ों पर बहेगी हिमगंगा
-खिलाड़ियों का बढ़ाया मनोबल, पुलिस कर्मियों की डाइट के लिए धमाकेदार मनी

द हिमाचल हेराल्ड, शिमला
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव प्रताप नेगी ने कहा कि हिमाचल के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने 2 घंटे 31 मिनट के बजट भाषण में राज्य के सभी सेक्टर को संतुष्ट किया। एक साधारण व्यक्तित्व की पहचान को बरकरार रखते हुए सीएम सुक्खू लगातार दूसरे बजट के लिए अपनी पुरानी ऑल्टो कार को खुद ही चला कर विधानसभा पहुंचे। अपने कार्यकाल के दूसरे बजट में उन्होंने सरकारी मुलाजिम, मनरेगा के मजदूर, किसान एवं बागवान, युवा एवं बेरोजगार, महिला एवं गरीब परिवार, उद्योग जगत, खेल-खिलाड़ी समेत सभी वर्गों को तोहफा देने में कोई कमी नहीं छोड़ी। यहां तक कि जनता द्वारा चुने हुए प्रतिनिधियों के साथ-साथ कानून की रक्षा करने वाले पुलिस कर्मियों को भी मालामाल कर दिया। विभिन्न वर्गों के लिए कई ऐलान किए गए। सीएम सुक्खू ने पिछली बार हिमाचल का ग्रीन बजट पेश किया, तो इस बार आत्मनिर्भरता से पहाड़ के विकास के नए दौर का इबारत लिखी। हिमाचल की आर्थित हालात ठीक नहीं होने पर भी सुख की सरकार ने कुल मिलाकर राज्य के हरेक क्षेत्र और सभी वर्गों का ख्याल रखा। वित्त वर्ष 2024-25 में रोजगार के द्वार खुलेंगे और हिमाचल में विकास की रफ्तार और तेज होगी। सेब उत्पादक राज्य हिमाचल के बागवान पिछले कई वर्षों से यूनिवर्सल कार्टन की मांग उठा रहे थे तो सीएम सुक्खू ने उसे पूरी कर दी। ऐसे में इस बार के सेब सीजन में यूनिवर्सल कार्टन में ही सेब बिकेंगे।

सुक्खू ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 58444 करोड़ रुपए का बजट प्रस्तावित किया। सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लीव एनकैशमेंट और ग्रेच्युटी से संबंधित बकाया का भुगतान 1 मार्च 2024 से चरणबद्ध तरीके से शुरू करने का तोहफा दिया। पहली अप्रैल 2024 से चार प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ते की किस्त जारी की जाएगी। जिसका सभी कर्मचारियों को इंतजार था। दिहाड़ीदारों को 25 रुपये बढ़ोतरी के साथ 400 रुपये प्रतिदिन दिहाड़ी मिलेगी। आउटसोर्स कर्मियों को अब न्यूनतम 12,000 रुपये प्रतिमाह मिलेंगे। पंचायत वैटनरी असिसटेंट को मिलने वाले 7000 रुपये प्रतिमाह को बढ़ाकर 7500 किया जाएगा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, आउटसोर्स कर्मी, पंचायत चौकीदार, राजस्व चौकीदार, राजस्व लंबरदार समेत एसएमसी अध्यापकों के मानदेय में बढ़ोतरी कर इन्हें तोहफा दिया। सीएम सुक्खू ने विधायक ऐच्छिक निधि बढ़ाई, जिससे स्थानीय क्षेत्रों में विकास की रफ्तार और तेज होगी।

जन प्रतिनिधियों को किया मालामाल:
पंचायती राज संस्थाओं में जिला परिषद अध्यक्ष के मानदेय में 4000, उपाध्यक्ष 3000, सदस्य जिला परिषद 1300, अध्यक्ष पंचायत समिति 1900, उपाध्यक्ष पंचायत समिति 1400, सदस्य पंचायत समिति 1200, प्रधान 1200 व उपप्रधान के मानदेय में 800 रुपये प्रतिमाह की वृद्धि के साथ सदस्य ग्राम पंचायत को प्रति बैठक मिलने वाले मानदेय में 250 रुपये की वृद्धि की घोषणा की है। स्थानीय नगर निकायों में महापौर के मानदेय में 4000, उपमहापौर नगर निगम 3000, पार्षद नगर निगम1 400, अध्यक्ष नगर परिषद 1700, उपाध्यक्ष नगर परिषद 1400, पार्षद नगर परिषद 700 रुपये तथा प्रधान नगर पंचायत के मानदेय में 1400 रुपये, उप प्रधान नगर पंचायत के मानदेय में 1100 रुपये व सदस्य नगर पंचायत के मानदेय में 700 रुपये की वृद्धि की गई है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने वन रक्षकों की भर्ती करने की घोषणा की जो सराहनीय है। भूतपूर्व सैनिकों को मिलने वाली आर्थिक सहायता की राशि को 3000 रुपये से बढ़कर 5000 रुपये किया गया। पुलिस कर्मियों की डाइट मनी बढ़कर 1000 रुपये की गई।

खिलाड़ियों को बड़ा तोहफा दे गए सुक्खू:
सीएम ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने ओलंपिक में व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण जीतने पर पुरस्कार राशि बढ़ाकर तीन से पांच करोड़ रुपये करने की घोषणा की। रजत पदक जीतने पर दो की जगह तीन तीन करोड़ और कांस्य पदक जीतने पर खिलाड़ी को एक की जगह अब दो करोड़ मिलेंगे। इसी तरह एशियाई खेलों में स्वण पदक जीतने पर पुरस्कार राशि से 50 लाख से बढ़ाकर 4 करोड़, रजत पर 30 से 2.50 करोड़ और कांस्य पदक जीतने पर 20 लाख से 1.50 करोड़ रुपये करने की घोषणा की। कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक पर 50 लाख की जगह तीन करोड़, रजत पर 30 लाख की जगह दो करोड़ व कांस्य पर 20 लाख की जगह 1 करोड़ रुपये मिलेंगे। टीम स्पर्धा में पुरस्कार विजेताओं को प्रतिनिधित्व के आधार पर पुरस्कार राशि दी जाएगी। इसके साथ-साथ खिलाड़ियों की डाइट मनी में जो इजाफा करने की घोषणा की।

सुख आरोग्य योजना से स्वस्थ रहेंगे बुजुर्ग:
मुख्यमंत्री सुख आरोग्य योजना शुरू करने की बजट में घोषणा की गई है। इसके अंतर्गत प्रदेश में 70 वर्ष से अधिक आयु के आयकर नहीं दे रहे सभी वृद्धों को मुफ्त चिकित्सा सुविधा मिलेगी। मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना के अंतर्गत प्रदेश में ऐसी सभी विधवाओं के 27 साल तक की आयु वाले बच्चों की शिक्षा पर होने वाला व्यय प्रदेश सरकार वहन करेगी। विधवा, निराश्रित, तलाकशुदा और दिव्यांग माता-पिता के सभी पात्र बच्चों के आरडी खाते में 18 वर्ष की आयु तक 1 हजार रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे।

प्राकृतिक खेती से आत्मनिर्भरता की ओर:
बजट में राजीव गांधी प्राकृतिक खेती स्टार्टअप योजना शुरू करने का एलान किया गया। इसके तहत बेरोजगार युवाओं को प्राकृतिक खेती के लिए प्राकृतिक रूप से उगाए गए गेहूं को 40 रुपये तथा मक्की को 30 रुपये प्रति किलोग्राम का न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया जाएगा। मोटे अनाज के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार होगी। शिमला जिले में मेहंदली तथा शिलारू तथा कुल्लू जिला में बंदरोल में नई मंडियों का निर्माण होगा। सिरमौर में पांवटा साहिब, खैरी, घंडूरी और नौहराधार, कुल्लू में चौरीबिहाल, पतलीकुहल और खेगसू, मंडी में टकोली और कांगनी, कांगड़ा में जसूर, पासू तथा पालमपुर तथा सोलन में परवाणू, कुनिहार और वाकनाघाट मंडियों का उन्नयन होगा।

बहेगी हिमगंगा, ग्रामीणों की सुधरेगी आर्थिकी:
सीएम ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की आर्थिकी को सुदृढ़ बनाने के लिए उनका ख्याल रखा है। पशुपालन तथा दूध उत्पादन को प्राकृतिक खेती से जोड़कर गाया के दूध के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वर्तमान 38 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 45 रुपये प्रति लीटर व भैंस के दूध के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 47 रुपये प्रति लीटर से 55 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है। हिमगंगा योजना के तहत कांगड़ा के ढगवार में 1.5 लाख लीटर प्रति दिन की क्षमता वाले पूर्णत स्वचालित दुग्ध एवं दुग्ध उत्पाद संयंत्र की स्थापना की जाएगी। ऊना तथा हमीरपुर में भी आधुनिकतम तकनीक से दूध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। स्थानीय युवाओं को दूध ले जाने के लिए 50 प्रतिशत उपदान पर 200 रेफ्रिजरेटेड दूध वैन उपलब्ध करवाई जाएगी। सोलन जिले के दाड़लाघाट में कृत्रिम गर्भाधान प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना की जाएगी।

यह भी अहम घोषणा:
हिमाचल प्रदेश में 1 अप्रैल 2024 से दुग्ध उत्पादन समितियों से एपीएमसी द्वारा ली जाने वाली फीस माफ की जाएगी। निजी गो सदनों में आश्रित गोवंश के लिए दिए जाने वाले अनुदान 700 रुपये प्रति गोवंश प्रतिमाह से बढ़ाकर 1,200 रुपये करने का फैसला लिया।